
साल 1993 के मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को गुरुवार सुबह 6:30 बजे नागपुर के सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई है. कोर्ट ने याकूब की डेथ वारंट और क्यूरेटिव पिटीशन को लेकर दी गई अर्जियों को खारिज कर दिया. बीते कुछ दिनों से मामले में राजनीतिक स्तर से लेकर न्यायिक महकमे तक खूब हलचल हुई. लेकिन धमाकों के बाद गिरफ्तारी और फिर फांसी तक गुनहगार याकूब मेमन को सजा का सफर करीब 22 साल चला.
कब क्या हुआ-
12 मार्च 1993: मुंबई में एक के बाद एक 13 सिलसिलेवार बम धमाके हुए, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई और 713 लोग घायल हो गए.
19 अप्रैल 1993: फिल्म अभिनेता संजय दत्त को गिरफ्तार किया गया.
04 नवंबर 1993: करीब 10 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें 189 लोगों को आरोपी बनाया गया. इसमें संजय दत्त का नाम भी शामिल.
19 नवबंर 1993: केस सीबीआई को सौंपी गई.
01 अप्रैल 1994: टाडा अदालत को सिविल कोर्ट से ऑर्थर रोड सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया.
10 अप्रैल 1994: टाडा अदालत ने 26 आरोपियों को आरोपमुक्त किया. बाकी के खिलाफ आरोप तय किए गए. सुप्रीम कोर्ट ने दो और आरोपी ट्रैवल एजेंट अबु असिम आजमी और अमजद मेहर बक्स को आरोपमुक्त किया.
19 अप्रैल 1994: ट्रायल शुरू.
अप्रैल-जून 1994: आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए.
30 जून 1994: दो आरोपियों मुहम्मद जमील और उस्मान झानकनन केस में गवाह बने.
14 अक्टूबर 1994: संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी.
23 मार्च 1996: जस्टिस जेएन पटेल का ट्रांसफर किया गया और उन्हें हाई कोर्ट में जज बनाया गया.
29 मार्च 1996: मामले की सुनवाई के लिए पीडी कोडे को विशेष टाडा जज बनाया गया.
अक्टूबर 2000: अभियोजन पक्ष के सभी 684 गवाहों की जांच की गई.
9 मार्च-18 जुलाई 2001: आरोपियों ने अपने बयान दर्ज करवाए.
9 अगस्त 2001: अभियोजन पक्ष ने दलील शुरू की.
18 अक्टूबर 2001: अभियोजन पक्ष की दलील खत्म.
9 नवंबर 2001: बचाव पक्ष की दलील शुरू.
22 अगस्त 2002: बचाव पक्ष की दलील खत्म.
20 फरवरी 2003: दाऊद गैंग के सदस्य एजाज पठान को कोर्ट में पेश किया गया.
20 मार्च 2003: मुस्तफा दोसा के रिमांड और ट्रायल की सुनवाई को अलग किया गया.
सितंबर 2003: ट्रायल खत्म, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.
13 जून 2006: गैंगस्टर अबू सलेम के ट्रायल को अलग किया.
10 अगस्त 2006: जज पीडी कोडे ने आदेश के लिए 12 सितंबर की तारीख मुकर्रर की.
12 सितंबर 2006: कोर्ट ने फैसला सुनाया. मेमन परिवार के चार सदस्यों को दोषी करार दिया गया. 12 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई. 20 को आजीवन कारावास की सजा मिली.
01 नवंबर 2011: सुप्रीम कोर्ट में 100 दोषियों और राज्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई शुरू.
29 अगस्त 2012: सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर फैसल सुरक्षित रखा.
21 मार्च 2013: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की फांसी की सजा को उचित ठहराया. 10 दोषियों की फांसी को आजीवन कारावास में बदला गया. 18 में से 16 दोषियों के आजीवन कारावास की सजा को भी बरकरार रखा गया.
30 जुलाई 2013: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की फर्स्ट रिव्यू पिटिशन को खारिज किया.
14 अगस्त 2013: मौत की सजा के लिए तारीख मुकर्रर की गई.
11 अप्रैल 2014: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने याकूब की दया याचिका को खारिज किया.
26 मई 2014: याकूब को उसकी दया याचिका के खारिज होने की जानकारी दी गई.
02 जून 2014: याकूब मामले की सुनवाई बंद कोठरी की बजाय ओपन कोर्ट में किए जाने को लेकर याचिका दी गई.
09 अप्रैल 2015: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की फांसी संबंधी दूसरे रिव्यू पिटिशन को भी खारिज किया.
21 जुलाई 2015: सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज किया.
23 जुलाई 2015: 30 जुलाई को फांसी टालने के लिए याकूब ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी.
27 जुलाई 2015: क्यूरेटिव याचिका को लेकर नए सिरे बहस और सुनवाई.
28 जुलाई 2015: याकूब की याचिका पर दो जजों की बेंच में फैसले को लेकर मतभेद, केस CJI को सौंपा गया.
29 जुलाई 2015: तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. फांसी टालने की याचिका खारिज. याकूब के वकील ने नई याचिका दाखिल की. देर रात सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई की. राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका.
30 जुलाई 2015: तड़के 5 बजे फांसी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर. सुबह 6:30 बजे याकूब मेमन को नागपुर के सेंट्रल जेल में फांसी दी गई.