
वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या के केस में अलगाववादी नेता यासीन मलिक की आज जम्मू की टाडा कोर्ट में पेशी होनी है. लेकिन तिहाड़ जेल की ओर से कोर्ट को सूचित किया गया है कि उसे पेश नहीं कर पाएंगे. तिहाड़ जेल की ओर से इस बारे में टाडा कोर्ट को चिट्ठी लिखी है. बता दें कि यासीन मलिक अभी टेरर फंडिंग मामले में अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं.
मंगलवार को सुनवाई से पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से लिखा गया कि गृह मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में एक आदेश जारी किया था, जिसमें यासीन मलिक को किसी जेल में पेश ना करने के लिए कहा गया था. हालांकि, तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि वह उसे टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश कर सकते हैं.
बता दें कि 1990 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकियों ने वायुसेना के कुछ अधिकारियों की हत्या कर दी थी. इसी केस में सीबीआई ने जम्मू की टाडा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें यासीन मलिक मुख्य आरोपी है.
कब हुई थी वायुसेना अधिकारियों की हत्या?
आपको बता दें कि यासीन मलिक की अगुवाई में JKLF के आतंकियों ने 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके में वायुसेना के जवानों पर हमला किया था. इस हमले में स्क्वॉर्डन लीडर रवि खन्ना समेत 4 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 6 लोग घायल हो गए थे.
इस मामले की जांच CBI ने की थी. 1990 में जम्मू की टाडा कोर्ट में दायर की CBI की चार्जशीट में यासीन मलिक मुख्य आरोपी थे. यासीन के खिलाफ केस को 1995 में जम्मू से अजमेर ट्रांसफर किया गया था. इसके बाद जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट ने इसे 1998 में जम्मू टाडा अदालत में स्थानांतरित कर दिया.
वहीं, लश्कर प्रमुख हाफिज सईद से फंड लेने के मामले में यासीन मलिक के खिलाफ 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) चार्जशीट दाखिल करेगी. यासीन पर पाकिस्तान से पैसे लेकर आतंकी वारदात को अंजाम देने का आरोप है.