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घाटी में शांति के लिए यशवंत फॉर्मूला, कहा- अलगाववादियों समेत सभी से हो बातचीत

पूरे कश्मीर का मानना है कि पैलेट गन का उपयोग बंद होना चाहिए. पिछले 4 महीनों से बंद पड़े स्कूलों को खोला जाना चाहिए. वहां के लोग चाहते हैं कि हुर्रियत समेत सभी स्टेक होल्डर्स से बात की जाए.

यशवंत सिन्हा यशवंत सिन्हा
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST

कश्मीर के हालातों पर बनाए गए पांच सदस्यीय दल के अगवा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमने पिछले दिनों कश्मीर में हालात पर वहां के सभी स्टेकहोल्डर्स से बात की है. जो बात निकलकर आई है, वो ये है कि कश्मीर के लोग कहते हैं कि 70 साल से उन्हें दूसरी नजर से देखा गया है.

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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पूरे कश्मीर का मानना है कि पैलेट गन का उपयोग बंद होना चाहिए. पिछले 4 महीनों से बंद पड़े स्कूलों को खोला जाना चाहिए. वहां के लोग चाहते हैं कि हुर्रियत समेत सभी स्टेक होल्डर्स से बात की जाए. कश्मीर के लोग चाहते हैं कि कश्मीर की समस्या का समाधान सरकार को करना चाहिए.

उन्होंने बताया कि बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन एजेंडा में कहा गया है कि कश्मीर की समस्या का समाधान सभी स्टेक होल्डर्स से बात कर किया जाएगा. मुझे लगता है कि सभी ऐसा कर समाधान निकल सकता है.

अलगाववादियों से की थी मुलाकात
पिछले महीने कश्मीर गए इस प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री और पीएम को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर के लोगों की शिकायतों को रखा गया है और सरकार को कुछ सुझाव भी दिए गए हैं. इस पांच सदस्यीय दल ने घाटी में जारी गतिरोध को खत्म करने के उद्देश्य से पिछले महीने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात की. इस दल में जम्मू एवं कश्मीर में सेवा दे चुके पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता सुशोभा बर्वे शामिल थे.

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'समाधान निकालने आए हैं'
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'हमारा उद्देश्य कश्मीर के लोगों की शिकायतों और दर्द को साझा करना है. उम्मीद है कि अस्थिरता को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. वे यहां किसी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर नहीं आए हैं.' प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हबीबुल्ला ने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल किसी सरकार या राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करता. कश्मीर वासियों की समस्याओं को समझने की दिशा में यह पूरी तरह हमारा निजी प्रयास है.

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