
यशवंत सिन्हा अपने बेटे को लेकर भी नरम रुख नहीं दिखा रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपने बेटे के खिलाफ जांच करवाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि जयंत सिन्हा पर लगे आरोप निराधार हैं और उनकी सारी लेनदेन की प्रक्रिया कानून के तहत हुई है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने एक शर्त रखते हुए ट्विस्ट भी रख दिया है. वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि उनके बेटे जयंत सिन्हा समेत जिन नेताओं के नाम 'पैराडाइज पैपर्स' में आए हैं, उनकी अवश्य जांच होनी चाहिए. लेकिन, साथ ही भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी की कथित अप्रत्याशित वृद्धि की भी जांच होनी चाहिए.
यह पहली बार नहीं है जब सिन्हा अमित शाह को लेकर हमलावर हुए हैं. सिन्हा हाल के दिनों में बीजेपी के पॉलिसी को लेकर नाराज दिखें हैं, फिर चाहे वह नोटबंदी हो या नोटबंदी. सिन्हा ने एक चैनल से शुक्रवार को कहा, "मेरा सरकार से आग्रह है कि जिन भी नेताओं के नाम पैराडाइज पेपर्स में हैं, उनकी तय समय सीमा के अंदर जांच होनी चाहिए. सरकार को पंद्रह दिन से लेकर एक महीने के बीच यह बताना चाहिए कि ये नेता दोषी हैं या नहीं."
उन्होंने कहा, "लेकिन, अगर जयंत सिन्हा के खिलाफ जांच होगी तो जय शाह के खिलाफ भी जांच क्यों नहीं होनी चाहिए? जय शाह के मामले में ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि जिन्हें भी आपत्ति है वे अदालत जाएं?" आपको बता दें कि पिछले महीने एक वेबसाइट ने जय शाह की कंपनी से संबंधित रिपोर्ट छापी था जिसमें कहा गया था कि शाह की कंपनी का टर्नओवर कथित रूप से अचानक एक साल के अंदर 16,000 गुणा बढ़ गया.
जय शाह ने इस आरोप को पूरी तरह से गलत बताया. विपक्ष द्वारा मुद्दे को जोरशोर से उठाने पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा था कि जय शाह पर आरोप लगाने वालों को अदालत जाना चाहिए. पैराडाइज पेपर्स मामले में जयंत सिन्हा ने आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा है कि उनका लेन-देन पूरी तरह से सही और कानूनी है.