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साल 2014, केंद्र की सत्ता में गुजरात के सबसे सफलतम राजनीतिज्ञों में शुमार नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ. वो प्रधानमंत्री बने. इससे पहले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने देशभर में घूमकर कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा हथियार बनाया. साथ ही साथ कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया. अपने इस मिशन पर मोदी और उनकी टीम को साल-दर साल सफलता का स्वाद भी चखने को मिला.
जीत का जो सिलसिला 2014 में लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ, वो 2017 आते-आते राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी के लिए जश्न का मौका लेकर आया. हालांकि, ये साल कांग्रेस के लिए भी कुछ हद तक जान फूंकने वाला रहा. वहीं समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल जैसे क्षेत्रीय दलों के लिए काफी फीका रहा.
2017 में कुल सात राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए और 5 राज्यों में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला, जबकि दो राज्यों गुजरात और गोवा में बीजेपी ने सत्ता बचाते हुए सरकार रिपीट की. इन चुनावों ने विधानसभा सीटों का गणित भी बदल दिया. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा और राज्यसभा में भी मामूली परिवर्तन देखने को मिले.
राज्य विधानसभाओं में सीटों का गणित
1. उत्तर प्रदेश- कहते हैं दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही देखने को मिला. केंद्र की सत्ता पर विराजमान बीजेपी को 17 साल बाद यूपी में सत्ता का सुख भोगने का मौका मिला. बीजेपी की ऐसी लहर चली कि दोनों प्रमुख पार्टियां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी धराशाई हो गईं. 2012 में जो समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार में आई थी, वो 2017 में 403 में से महज 47 सीटों पर सिमट गई. वहीं जिस बहुजन समाज पार्टी ने 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचा था, वो सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत सकी.
2017 में यूपी विधानसभा सीटों का गणित
भारतीय जनता पार्टी- 312 (2012-47)
समाजवादी पार्टी - 47 (2012-224)
बहुजन समाज पार्टी -19 (2012-80)
कांग्रेस -07 (2012-28)
राष्ट्रीय लोकदल -01 (2012-09)
अपना दल - 09 (2012-0)
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी -04 (2012-0)
2. पंजाब- राजनीतिक रूप से उत्तर भारत का ये अहम राज्य कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हुआ. कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई और बीजेपी के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को उखाड़ फेंका. यहां मुकाबला त्रिकोणीय रहा और पहली बार राज्य के चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. हालांकि, चुनाव से पहले तक आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल नजर आ रहा था, लेकिन चुनाव आते-आते जनता ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भरोसा जताया और 117 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी.
2017 में पंजाब विधानसभा सीटों का गणित
शिरोमणि अकाली दल- 15 (2012-56)
कांग्रेस-77 (2012-46)
भारतीय जनता पार्टी- 03 (2012-12)
आम आदमी पार्टी - 20
3. उत्तराखंड- नवंबर 2000 में देश के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया ये पहाड़ी राज्य सत्ता परिवर्तन के लिए जाना जाता है. 2012 में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया और पांच साल सरकार चलाने के बाद उसे भी गद्दी छोड़नी पड़ी. कुल 70 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की और त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार बनाई.
2017 में उत्तराखंड विधानसभा सीटों का गणित
भारतीय जनता पार्टी- 57 (2012-32)
कांग्रेस- 11 (2012-31)
निर्दलीय - 02
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4. गोवा- पर्यटन की दृष्टि से दुनिया भर में मशहूर गोवा की समुद्री लहरों के बीच चुनाव के बाद काफी सियासी गर्माहट देखने को मिली. कुल 40 सीटों वाली छोटी विधानसभा के जब नतीजे आए तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा 17 सीटों पर जीत मिली. लेकिन किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए जादुई आकंड़ा हासिल नहीं हुआ. नतीजा ये हुआ कि 13 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने निर्दलीय और दूसरे छोटे दलों के विजयी प्रत्याशियों को साथ लाकर सरकार बनाई.
2017 में गोवा विधानसभा सीटों का गणित
भारतीय जनता पार्टी- 13 (2012-21)
कांग्रेस- 17 (2012-09)
एमजीपी-03 (2012-0)
गोवा फॉर्वर्ड पार्टी- 03 (2012-0)
निर्दलीय - 03
एनसीपी-01(2012-06)
5. मणिपुर- उत्तर-पूर्व के इस राज्य में भी बीजेपी ने गोवा जैसी ट्रिक अपनाई. 60 सीटों वाली इस विधानसभा के चुनाव में हालांकि, जनता ने कांग्रेस पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया और उसे 28 सीटों पर जीत मिली, लेकिन 2012 में सूबे की सियासत से नगण्य बीजेपी ने 21 सीटें जीतने के बावजूद सरकार बनाई.
2017 में मणिपुर विधानसभा सीटों का गणित
भारतीय जनता पार्टी- 21 (2012-0)
कांग्रेस- 28 (2012-42)
एनपीएफ-04 (2012-04)
एनपीपी-04 (2012-0)
लोजपा-01
टीएमसी-01(2012-07)
निर्दलीय - 01
इन पांच राज्यों में से चार में बीजेपी की सरकार बनी और एक में कांग्रेस को सत्ता मिली. हालांकि, कांग्रेस को राहत देने वाले रिजल्ट मिले. लेकिन साल के आखिर में हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों ने एक बार फिर कांग्रेस की हार के सिलसिले को बनाए रखा और बीजेपी की जीत का कारवां दो कदम और बढ़ गया.
2017 में गुजरात विधानसभा सीटों का गणित (कुल सीट-182)
भारतीय जनता पार्टी- 100 (2012-117)
कांग्रेस- 77 (2012-61)
निर्दलीय- 03
भारतीय ट्राइबल पार्टी-02
एनसीपी-01
2017 में हिमाचल विधानसभा सीटों का गणित (कुल सीट-68)
भारतीय जनता पार्टी- 44 (2012-0)
कांग्रेस- 21 (2012-42)
सीपीआई(एम)-01
निर्दलीय - 02
साल की शुरुआत में पांच में से चार राज्यों में सरकार बनाने के बाद बीजेपी ने साल की आखिरी सीरीज में भी बढ़िया प्रदर्शन किया और दो राज्यों के चुनाव में 2-0 से परचम लहराया. जिसका नतीजा, ये हुआ कि कांग्रेस मुक्त भारत का जो मिशन पीएम मोदी 2014 में लेकर चले थे, वो दिसंबर 2017 तक आते-आते अंजाम तक पहुंचता दिखा. फिलहाल, देश के 4 राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, जबकि बीजेपी 19 सूबों में शासन चला रही है.
2017 में संसद सीटों में भी थोड़ा परिवर्तन देखने को मिला. बॉलीवुड अभिनेता और पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट से सांसद विनोद खन्ना के देहांत के बाद यहां उपचुनाव कराए गए. उपचुनाव में बीजेपी को झटका लगा और कांग्रेस के प्रत्याशी सुनील जाखड़ बड़े अंतर से बीजेपी-अकाली दल के उम्मीदवार को शिकस्त दी. इस तरह 2014 में लोकसभा की महज 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस का आंकड़ा बढ़कर 46 हो गया. दरअसल, इससे पहले 2015 में मध्य प्रदेश की रतलाम लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. ये सीट बीजेपी सांसद दिलीप सिंह भूरिया के देहांत के बाद खाली हुई थी. फिलहाल, बीजेपी के पास 277, कांग्रेस के पास 46, एआईएडीएमके 37, तृणमूल कांग्रेस 33 और बीजेडी के पास 18 लोकसभा सांसद हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात से 3 राज्यसभा सदस्यों के चुनाव हुए. ये चुनाव भी बेहद दिलचस्प रहे और इस दौरान बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला. बीजेपी के दो उम्मीदवार अमित शाह और स्मृति ईरानी को आसानी से जीत मिल गई. लेकिन तीसरी सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार और सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल की सीट पर पेच फंसा. कांग्रेस के करीब दो दर्जन विधायकों ने बगावत कर दी और बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया. बीजेपी उम्मीदवार के एक वोटर द्वारा मतदान के दौरान नियमों का उल्लंघन करने का मामला दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर तक पहुंच गया. आधी रात तक ड्रामा चला और अंतत अहमद पटेल का राज्यसभा पहुंचने का रास्ता साफ हो पाया. फिलहाल राज्यसभा में बीजेपी और कांग्रेस के 57-57 सदस्य हैं. समाजवादी पार्टी के 18, एआईएडीएमके के 13, तृणमूल कांग्रेस के 12, बीजेडी के 8 और जदयू के 7 सदस्य हैं.