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DM दीदी से लेकर लेडी सिंघम तक, साल 2017 में छाई रहीं ये महिला अफसर

देश की बागडोर असल मायनों में अफसरों के हाथों में होती है. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है. नौकरशाही में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार के बीच कुछ ऐसे भी अफसर हैं, जो देश सेवा का जुनून लिए नौकरशाही की साख बचाए हुए हैं.

साल भर चर्चा में रहीं ये दबंग महिला ऑफिसर्स साल भर चर्चा में रहीं ये दबंग महिला ऑफिसर्स
आशुतोष कुमार मौर्य/मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST

देश की बागडोर असल मायनों में अफसरों के हाथों में होती है. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है. नौकरशाही में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार के बीच कुछ ऐसे भी अफसर हैं, जो देश सेवा का जुनून लिए नौकरशाही की साख बचाए हुए हैं. और जब हमारे पुरुष प्रधान में महिलाएं जब ऐसा कारनामा करती हैं, तो उनके कारनामे खास चर्चा पाते हैं.

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नौकरशाही में भी कुछ ऐसी महिला ऑफिसर्स हैं जिनकी दिलेरी के किस्से मिसाल के तौर पर पेश किए जाते हैं. ये महिला ऑफिसर्स सही मायनों में देश की आधी आबादी के लिए जीता-जागता आदर्श हैं. जुर्म आज तक सलाम कर रहा है ऐसी ही आउटस्टैंडिंग महिला अफसरों को, जिन्होंने अपने जुनून और कर्मठता से इस साल मिसाल पेश की.

बी. चंद्रकला-:

बुलंदशहर की डीएम बी. चंद्रकला की ख्याति से पूरा देश परिचित हो चुका है. डीएम दीदी के नाम से लोकप्रिय चंद्रकला की छवि बेहद सख्त और ईमानदार अधिकारी की है. सोशल मीडिया पर उनके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं. किसी वीडियो में वह फुटपाथ पर घटिया क्वालिटी की इंटरलॉकिंग ईंटों के इस्तेमाल को लेकर अधिकारियों और ठेकेदार पर बिफरती नजर आती हैं तो किसी वीडियो में औचक निरीक्षण के दौरान स्कूल टीचर की जमकर क्लास लेती. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि फेसबुक पर उनके 85 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं. इस मामले में वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (6,294,614) और मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (5,120,793) से भी आगे हैं.

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अपने साथ सेल्फी लेने की कोशिश करते एक युवक को जेल पहुंचाने को लेकर भी वह सुर्खियों में रहीं. तेलंगाना के करीमनगर में जन्मी चंद्रकला 2008 बैच की यूपी कैडर की आईएएस ऑफिसर हैं. केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन और खुले में शौच मुक्त अभियान के लिए किए गए अपने बेहतरीन कार्य को लेकर वह सरकार की गुड बुक में शुमार की जाती हैं. उन्होंने 109 जिलों को  खुले में शौच मुक्त कराया बुलंदशहर में गंगा नदी के किनारे 30 गांवों को स्वच्छता मिशन से जोड़ा. उन्होंने सभी नगर निगम अधिकारियों को एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा, जहां जनता सीधे अपनी समस्याएं अधिकारियों के सामने रखते हैं.

डी रूपा-:

वैसे तो IPS डी रूपा खबरों में रहने से थोड़ा दूरी बनाए रखती हैं लेकिन उनका काम ही ऐसा है कि हमेशा उन्हें सुर्खियों में बनाए रखता है. कर्नाटक के दावनगेरे शहर में पली बढ़ीं 2000 बैच की आईपीएस रूपा अपने बेबाक और तेजतर्रार तेवर के चलते कई बार सिस्टम से लोहा ले चुकी हैं. उन्होंने अपनी मनचाही जगह पर ट्रांसफर न मिलने पर अपना राज्य ही बदल लिया था. मध्य प्रदेश में बतौर SP रूपा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को धार्मिक दंगों के चलते गिरफ्तार किया था. फिर वह एआईएडीएमके की पूर्व अध्यक्ष शशिकला को जेल में VVIP सुविधाएं दिए जाने की पोल खोलकर सुर्खियों में आईं. बेंगलुरू में DCP रहते हुए रूपा ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सहित ढेरों VVIP लोगों की सेवा में नियुक्त पुलिसकर्मियों को हटाने को लेकर भी ख्याति बटोरी. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के काफिले में गैर सरकारी ढंग से शामिल होने वाली गाड़ियों को भी हटवा दिया था.

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इन सबसे इतर वह एक ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर हैं. भारतीय संगीत में भी उन्होंने ट्रेनिंग ली है. इसके अलावा रूपा शार्प शूटर रहीं हैं और उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान कई अवॉर्ड जीते हैं. दो बच्चों की मां डी रूपा के पति मुनीश एक आईएएस अफसर हैं. उनके ऑफिशल ट्विटर हैंडल को 50 हजार से और फेसबुक अकाउंट को 30 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं.

मरीन जोसफ-:

मरीन जोसफ भारत की कुछ बेहद लोकप्रिय IPS अधिकारियों में मानी जाती हैं. फेसबुक पर मरीन जोसफ के नाम से 100 के करीब अकाउंट हैं और उनके फॉलोअर्स की संख्या भी लाखों में हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें भारत की अब तक की सबसे खूबसूरत आईपीएस अधिकारी बताया जाने लगा. हालांकि मरीन जोसफ खुद शारीरिक सुंदरता से ज्यादा मन की सुंदरता को तवज्जो देती हैं.  मरीन ने साल 2012 में पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा पास की.

स्मिता सभरवाल-:

2001 बैच की आईएएस अफसर स्मिता सभरवाल तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं. स्मिता को जनता के अफसर के तौर पर जाना जाता है. अप्रैल, 2011 में करीमनगर जिले का डीएम बनीं स्मिता ने हेल्थ केयर सेक्टर में 'अम्माललाना' प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की. इस प्रोजेक्‍ट की सफलता के चलते स्मिता को प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया. स्मिता के करीमनगर में बतौर डीएम तैनात रहने के दौरान ही करीमनगर को बेस्ट टाउन का भी अवॉर्ड भी मिला चुका है. 19 जून 1977 में दार्जिलिंग में जन्‍मी स्मिता आपत्तिजनक कार्टून छापने पर आउटलुक मैगजीन को नोटिस भेजने के बाद सुर्खियों में आईं. स्मिता को उनकी ट्रेंडी साड़ियों को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया जाता रहा है. लेकिन स्मिता अपनी हर आलोचना का मुंहतोड़ जवाब देती हैं और अपनी धुन में पक्की कर्म के पथ पर बढ़ती जा रही हैं.

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ज्योति प्रिया सिंह-:

महाराष्ट्र कैडर की महिला IPS अफसर ज्योति प्रिया सिंह को दबंग अधिकारी के रूप में जाना जाता है. ज्योति प्रिया की हाईट 6 फीट है, जो उनकी दबंग छवि को और मुकम्मल बनाती है. वह अभी पुणे में डिप्टी कमिश्नर के पद पर पोस्टेड हैं. ज्योति प्रिया जहां भी नियुक्त होती हैं, मनचलों के लिए चलाई जाने वाली अपनी मुहीम के कारण उस इलाके के बदमाश उनसे डरे हुए रहते हैं. कोल्हापुर में एडिशनल एसपी के पद पर रहते हुए शिवसेना के तत्कालीन MLA और उनके समर्थकों के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज करने के बाद सुर्खियों में आईं थीं.

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