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अटल-सोमनाथ-अनंत, 2018 में देश ने इन सियासी दिग्गजों को खो दिया

बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से लेकर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जैसे कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों ने 2018 में  दुनिया को अलविदा कह गए.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:07 AM IST

भारतीय राजनीति के कई दिग्गज को हमने साल 2018 में खो दिया. बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से लेकर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जैसे कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों ने इसी साल दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा.

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अटल बिहारी वाजपेयी

साल 2018 में देश ने सबसे बड़े राजनेता के तौर पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को खोया है. वाजपेयी ने 16 अगस्त, 2018 को 93 साल की उम्र में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जिंदगी की आखिरी सांसें लीं. वाजपेयी जनसंघ से लेकर जनता पार्टी और बाद में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. उन्होंने बीजेपी को शून्य से शिखर तक ले जाने का काम किया था.

वाजपेयी देश की राजनीति के सबसे करिश्माई और लोकप्रिय चेहरों में से एक थे. वे 3 बार पीएम चुने गए. पहली बार 1996 में उनकी सरकार महज 13 दिनों तक ही टिक पाई थी, इसके बाद 1998 में 13 महीने और 1999 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे.

नारायण दत्त तिवारी

कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी इस साल दुनिया को अलविदा कह गए. उनका निधन 93 साल की उम्र में 18 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली के मैक्स हास्पिटल में हुआ. तिवारी भारतीय राजनीति के एक बड़े चेहरे थे. वो दो बार यूपी के और एक बार उत्तराखंड के सीएम रहने के अलावा राज्यपाल के पद पर भी रहे.

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सोमनाथ चटर्जी

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने 13 अगस्त, 2018 को अंतिम सांसें लीं. उनका जन्म 25 जुलाई, 1929 को हुआ था. चटर्जी ने लोकसभा अध्‍यक्ष के तौर पर अहम जिम्‍मेदारी निभाई थी. मनमोहन सरकार के दौरान अमेरिका के साथ हुए न्यूक्लियर डील से नाराज वामपंथी दलों ने यूपीए से समर्थन वापस ले लिया था. इस दौरान पार्टी ने चटर्जी से इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इस बात को मानने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था.

एम. करुणानिधि

दक्षिण भारत की सियासत के बड़े नाम रहे करुणानिधि का भी इस साल निधन हो गया. तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख रहे मुथुवेल करुणानिधि ने 7 अगस्त, 2018 को चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में आखिरी सांसें लीं. वे 94 साल के थे. उनका जन्म 3 जून, 1924 को हुआ था. करुणा तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन से निकले और वहां की राजनीति में 6 दशक तक एक ध्रुव बनकर रहे.

अनंत कुमार

कर्नाटक में बीजेपी का चेहरा रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने भी इसी साल दुनिया को अलविदा कह गए. 12 नवंबर, 2018 को को बेंगलुरु के शंकरा अस्पताल में 59 साल की उम्र में अंतिम सांसे ली. वो फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे. अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई, 1959 में हुआ और छात्र राजनीतिक के जरिए सियासत में कदम रखा. इसके बाद राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई.

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