
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार लगातार कई योजनाओं को लॉन्च कर रही है. यह सिलसिला 2018 में भी जारी रहा और इस साल आयुष्मान भारत जैसी कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत हुई. आज हम ऐसी ही 5 योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं.
आयुष्मान भारत
प्रधानमंत्री जन आरोगय ''आयुष्मान भारत'' को मोदी सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक माना जाता है. इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये का फ्री इलाज की सुविधा है. योजना का मकसद हर आर्थिक तौर पर कमजोर शख्स को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना है. इसका फायदा योजना में शामिल सरकारी और अन्य अस्पतालों में मिलेगा. इन अस्पतालों की जानकारी आप योजना की वेबसाइट, मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर से ले सकते हैं. योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए https://www.pmjay.gov.in/ पर पहुंच सकते हैं या फिर आप 14555 टोल फ्री नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं.
सोलर चरखा मिशन
इसी साल जून में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोलर चरखा मिशन की शुरुआत की. इस मिशन के तहत 50 कलस्टर को दो साल के लिए 550 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है. हर क्लस्टर में 400 से 2 हजार कारीगर शामिल होंगे. इसके तहत पहले दो साल के दौरान लगभग एक लाख जॉब्स पैदा होने की उम्मीद है. वहीं लगभग 5 करोड़ महिलाओं को इस स्कीम से जोड़े जाने की योजना है. इस योजना की लॉन्चिंग से पहले सरकार ने लगभग 550 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर कर दी थी.
गोबर धन योजना
सरकार ने इस योजना की घोषणा बजट 2018 में की थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तब बताया था कि इस योजना के तहत गोबर और खेतों के बेकार या इस्तेमाल में न आने वाले उत्पादों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदल दिया जाएगा. इस योजना से गांव को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी. इसके अलावा पशु-आरोग्य बेहतर होगा और उत्पादकता बढ़ेगी. वहीं बायोगैस से खाना पकाने और लाइटिंग के लिए ऊर्जा के मामले में भी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. जबकि बायोगैस की बिक्री आदि के लिए नई नौकरियों के अवसर मिलेंगे.
इस साल फरवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (PMRF) योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत देश के बीटेक इंजीनियरों को IIT, IISER और NIT में पीएचडी के लिए फेलोशिप दी जा रही है. हर साल 1000 बेस्ट टैलंट को चुना जाएगा, जो आईआईटी और आईआईएससी में रिसर्च करेंगे. यह उच्च शिक्षा संस्थान के छात्रों के लिए देश की यह अब तक की सबसे बड़ी स्कॉलरशिप होगी. इस योजना के तहत जो छात्र चुनें जाएंगे, उनको 70 हजार से 80 हजार रुपये की फेलोशिप दी जाएगी. PMRF पर सात साल में 1650 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
पोषण अभियान
यह अभियान 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' को आगे ले जाने के लिए शुरू किया गया. 8 मार्च 2018 को महिला दिवस के दिन राजस्थान के झुंझुनू से इसकी शुरुआत हुई. इसका मकसद 0-6 साल के बच्चों के पोषण की उचित व्यवस्था करना है. इस योजना में लड़कियों और महिलाओं का खास ध्यान रखा गया है.