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2018 में मोदी सरकार को लगे 3 बड़े झटके, RBI गवर्नर तक ने छोड़ा साथ

साल 2018 में आर्थिक मोर्चे पर कई बड़े अधिकारियों ने सरकार का साथ छोड़ दिया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के पद पर रहे उर्जित पटेल भी इस लिस्‍ट में शामिल हैं.  

उर्जित पटेल उर्जित पटेल
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 21 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

साल 2018 में मोदी सरकार को राजनीति से लेकर आर्थिक मोर्चे तक कई बड़े झटके मिले. राजनीतिक मोर्चे पर कई बड़े राज्‍यों से सत्‍ता छिन गई तो आर्थिक मोर्चे पर कई बड़े अधिकारियों ने सरकार का साथ छोड़ दिया. आज हम 2018 में आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को लगे 3 बड़े झटके के बारे में बताने जा रहे हैं.   

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उर्जित पटेल

मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच टकराव के बीच गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर को इस्तीफा दे दिया. हालांकि उर्जित पटेल ने बताया कि वह निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं. बता दें, नोटबंदी से ठीक दो महीने पहले 4 सितंबर, 2016 को पटेल भारतीय रिजर्व बैंक की कमान संभाली थी. उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म होने वाला था.

सुरजीत भल्ला

उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के कुछ दिनों बाद ही प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और स्तंभकार सुरजीत भल्ला ने प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की पार्ट-टाइम सदस्यता (पीएमईएसी) से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्‍तीफे की जानकारी ट्वीट कर दी. यहां बता दें कि आर्थिक सलाहकार परिषद की भूमिका प्रधानमंत्री की ओर से विचार के लिए भेजे गए आर्थिक एवं अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देने की होती है. इसके प्रमुख नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय हैं.   

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अरविंद सुब्रमण्यन

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने जुलाई, 2018 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सुब्रमण्यन के मुताबिक उन्‍होंने निजी कारणों से इस्‍तीफा दिया. इस्‍तीफा देने के बाद उन्‍होंने हाल ही में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. इसके अलावा रिजर्व बैंक और सरकार के बीच टकराव की भी आलोचना की थी. बता दें कि अरविंद सुब्रमण्यन ने अक्टूबर, 2014 में मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार का पद संभाला था. उनका कार्यकाल मई 2019 तक का था.

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