
राष्ट्रपति चुनाव को एक ओर बीजेपी आम सहमति की बात कर रही है. इस कड़ी में विपक्ष पार्टियों से नेताओं से पार्टी नेताओं की लगातार मुलाकात जारी है. लेकिन इस बीच सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने बड़ा दांव चल दिया है.
सीताराम येचुरी ने शनिवार को राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर साफ कर दिया कि अगर केंद्र सरकार ने 20 जून तक उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया, तो वो विपक्षी पार्टियों के नेताओं से अपील करेंगे कि वे अलग से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दें. एक तरह से सीपीएम महासचिव ने केंद्र सरकार को 20 तारीख तक का अल्टीमेटम दे दिया है. हालांकि बाकी पार्टियों ने इस पर अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है.
इससे पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए बीजेपी की एक समिति ने शुक्रवार को कांग्रेस और वाम दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी. लेकिन समिति द्वारा किसी उम्मीदवार का नाम नहीं लिए जाने पर विपक्ष ने इस कवायद पर सवाल उठाया था.
समिति के दो सदस्यों केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के साथ ही आडवाणी और मुरली मनोहर जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं से मुलाकात की थी.
किसी नाम का प्रस्ताव नहीं करने पर बीजेपी की आलोचना करते हुए शुक्रवार को सीताराम येचुरी ने कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ बीजेपी की बैठकें महज दिखावा है. उन्होंने साफ कर दिया था कि मजबूत धर्मनिरपेक्ष साख वाला व्यक्ति ही अगला राष्ट्रपति होना चाहिए.
यही नहीं, राजनाथ और वेंकैया के सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि बीजेपी नेताओं ने कोई नाम प्रस्तावित नहीं किया और कांग्रेस नेताओं से अपने विकल्प के बारे में बताने को कहा. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बीजेपी नेता राष्ट्रपति पद के लिए एक-दो नाम के साथ आएंगे ताकि कांग्रेस उस पर कोई फैसला कर सके, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.