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YES बैंक के ग्राहकों को बड़ी राहत, अब किसी भी ATM से पैसा निकाल सकते हैं खाताधारक

आरबीआई ने 30 दिनों के लिए यस बैंक बोर्ड को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद अब प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई सामने आई है. आरबीआई ने इसके लिए एक प्रशासक भी नियुक्त किया है और बैंक के खाताधारकों को एक महीने में केवल 50,000 रुपये निकालने की इजाजत है.

यस बैंक घोटाले में ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाया (फोटो-PTI) यस बैंक घोटाले में ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाया (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST

  • बैंक ने पहले यह सुविधा वापस ले ली थी
  • बैंक के संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ

यस बैंक ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें किसी भी बैंक के ATM से पैसा निकालने की इजाजत फिर से दे दी है. आर्थिक संकट से जूझ रहे YES बैंक ने इससे पहले यह सुविधा अपने खाताधारकों से वापस ले ली थी. बैंक की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि अब ग्राहक किसी भी एटीएम से पैसा निकाल सकते हैं.

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इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ करने के अलावा अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उनकी तीन बेटियों के आवास पर भी छापेमारी की है. ईडी ने शुक्रवार की रात को यस बैंक के संस्थापक के आवास पर छापेमारी की थी और मुंबई में उनके समुद्र महल स्थित आवास पर भी राणा से पूछताछ की गई थी. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि कपूर से रातभर पूछताछ की गई और बीच में आराम का कुछ समय दिया गया.

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 30 दिनों के लिए यस बैंक बोर्ड को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद अब प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई सामने आई है. आरबीआई ने इसके लिए एक प्रशासक भी नियुक्त किया है और बैंक के खाताधारकों को एक महीने में केवल 50,000 रुपये निकालने की इजाजत है. पूर्व एसबीआई सीएफओ प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. यस बैंक की देशभर में 1,000 से अधिक शाखाएं और 1,800 से अधिक एटीएम हैं.

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ईडी ने शुक्रवार की रात को यस बैंक के संस्थापक के आवास पर छापेमारी की थी और मुंबई में उनके समुद्र महल स्थित आवास पर भी राणा से पूछताछ की गई थी. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि कपूर से रातभर पूछताछ की गई और बीच में आराम का कुछ समय दिया गया. ईडी ने कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और उनके आवास पर छापा मारा गया. इसके अलावा कपूर के खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया था, ताकि वह देश से बाहर न भाग सके.

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ईडी ने डीएचएफएल के खिलाफ अपनी जांच जारी रखने के क्रम में कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जिसमें कथित तौर पर पाया गया कि एक लाख फर्जी कर्जदारों का उपयोग करके 80 शेल कंपनियों को 12,500 करोड़ रुपये दिए गए. इन शेल कंपनियों के साथ लेन-देन की तारीख 2015 तक है.

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