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सरकार ने दस लाख सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज) जवानों के लिए रोज योग करना जरूरी कर दिया है. केंद्र ने इस संदर्भ में सभी फोर्सेज से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगा है.
नियमित व्यायाम में शामिल करें योग
सरकार के निर्देश में कहा गया है कि बॉर्डर चौकियों और नक्सली हिंसा प्रभावित इलाकों में भी तैनात जवानों के लिए रोजाना योग करना जरूरी है.
गृह मंत्रालय ने 26 मई को सभी सात पैरा मिलिट्री फोर्सेज (सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स) के महानिदेशकों को इस से संबंधित सर्कुलर जारी किया था. सर्कुलर में महानिदेशकों से योग को नियमित व्यायाम में शामिल करने और इसका अनुपालन रिपोर्ट मंत्रालय को देने का निवेदन किया गया था.
अनिवार्य न करें योग
सीआरपीएफ के डीजी प्रकाश मिश्रा का कहना है कि योग को जवानों के नियमित व्यायाम में शामिल करना सरकार की ओर से अच्छा कदम है.
वहीं एक सेना प्रमुख ने सरकार के इस कदम को उपयोगी नहीं माना है. सेना प्रमुख ने कहा कि दिमाग को शांत करने के लिए योग उपयोगी होता है, पर हमारा मकसद जवानों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाना है. प्रमुख ने कहा वे गृह मंत्रालय से निवेदन करेंगे कि योग को अनिवार्य बनाने की जगह इसे विकल्प के तौर पर पेश किया जाए.
कम होगा तनाव
सर्कुलर में कहा गया है कि योग प्राचीन भारत की अमूल्य परंपरा है, जिसे बचाना सभी की जिम्मेदारी है. योग को रोजाना की गतिविधियों में शामिल करने से सीएपीएफ के जवानों का तनाव कम होगा, जिससे वे शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहेंगे. एक रिपोर्ट के अनुसार 2008-14 के बीच 228 सीआरपीएफ जवानों ने तनाव के कारण आत्महत्या की थी.