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प्राइमरी स्कूलों में योगी सरकार बांटेगी खादी से बनी ड्रेस, ये है वजह

अब योगी सरकार उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को खादी से बनी हुई ड्रेस बांटने की योजना बना रही है. जानें- क्या है वजह?

योगी आदित्यनाथ (Photo: Reuters) योगी आदित्यनाथ (Photo: Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2019,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

खादी को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को खादी से बनी हुई ड्रेस बांटने करने जा रही है. हालांकि अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ सहित चार जिलों में लागू किया गया है. योजना सफल रही तो इसका विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा. बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने आईएएनएस को बताया कि "अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं.

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प्राथमिक शिक्षा विभाग ने नि:शुल्क ड्रेस वितरण के निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बताया, "सभी स्कूलों में एक से 15 जुलाई के बीच ड्रेस को बांटा जाएगा.  इसमें हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, जिसे यह सुनिश्चित करना होगा कि यह कार्य समय से हो जाए. जहां खादी से बनी ड्रेस बांटनी हैं, वहां कमेटी में खादी और ग्रामोद्योग अधिकारी भी होंगे. बेसिक शिक्षा अधिकारी कमेटी का सचिव होगा. लेकिन किसी स्कूल में 1 लाख रुपये से कम मूल्य का ड्रेस वितरित किया जाना है तो विद्यालय प्रबंध समिति के जरिए कोटेशन लिया जाएगा. 1 लाख से अधिक की ड्रेस है तो टेंडर किया जाएगा. कपड़े का सैंपल स्कूल में रखा जाएगा, जिससे निरीक्षण के दौरान उसे दिखाया जा सके.

विक्रम के अनुसार, "खादी को बढ़ावा देने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है. अभी फिलहाल लखनऊ के मोहनलालगंज, सीतापुर के सिधौली, मीरजापुर के छियानबे और बहराइच के मटेरा, महसी और विश्वेश्वरगंज विकास खंडों के सभी स्कूलों में यह ड्रेस बांटी जाएगी. ड्रेस खादी ग्रामोद्योग बोर्ड उपलब्ध कराएगा.

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उन्होंने बताया, "ड्रेस बांटने के दौरान सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा. स्कूलों में ड्रेस वितरण का निरीक्षण करने के लिए जिलाधिकारी कार्यबल गठित करेंगे. इसमें ग्रेड टू या उससे ऊपर के अधिकारी रखे जाएंगे. कार्यबल ड्रेस वितरण का एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण करेगा. इस बार तय समय में ही स्कूली बच्चों को पोशाक वितरण किया जाना है.

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