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बिहार में गांव गोद लिया और नाम रख दिया 'योगी आदित्यनाथ'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों ट्रेंड में हैं. जिस तरह का भगवा कुर्ता वो पहनते हैं, लखनऊ की दुकानों में उनकी बड़ी मांग हैं. योगी आदित्यनाथ के मुरीद सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि राज्य की सीमा पार बिहार में भी देखने को मिल रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ
खुशदीप सहगल
  • पूर्णिया,
  • 06 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 10:37 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों ट्रेंड में हैं. जिस तरह का भगवा कुर्ता वो पहनते हैं, लखनऊ की दुकानों में उनकी बड़ी मांग हैं. योगी आदित्यनाथ के मुरीद सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि राज्य की सीमा पार बिहार में भी देखने को मिल रहे हैं. योगी आदित्यनाथ से प्रभावित एक शख्स ने विकास की दृष्टि से अति पिछड़े गांव को गोद लेकर उसका नामकरण 'योगी आदित्यनाथ ग्राम' कर दिया है. खुद को समाजसेवी बताने वाले इस शख्स का दावा है कि गांव वालों की सहमति लेकर गांव का नामकरण किया गया है. हालांकि कुछ लोग गांव का पारंपरिक नाम बदलने पर असहमति जताते भी दिखे.

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पूर्णिया के केलाबाड़ी गांव के लोग सुविधाओं के अभाव में बदहाली का जीवन जीने को अभिशप्त हैं. गांव में करीब 350 लोगों की आबादी है. ऐसे में समाजसेवी राजीव कुमार श्रीवास्तव का दावा है कि उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय मिशन और योगी आदित्यनाथ के लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए उठाए गए कदमों से प्रेरित होकर इस गांव को गोद लेने का फैसला किया. राजीव कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि गांव का नाम योगी आदित्यनाथ ग्राम रखने से यहां के लोगों को योगी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा मिलेगी.

गांव के ही एक युवक शिव शंकर कुमार ने मंदिर निर्माण के लिए अपनी जमीन दान दी है. उसका कहना है कि यहां के पुरुष मजदूरी के लिए दिल्ली-पंजाब चले जाते हैं. अगर गांव में ही विकास होगा तो वो यहीं रुक कर काम करेंगे और खुशहाली में भागीदार बनेंगे.

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देखना होगा कि योगी आदित्यनाथ का नाम गांव से जुड़ने से इसकी तकदीर बदलती है या नहीं. पूर्णिया की हकीकत यही है कि यहां कई इलाकों में अब भी विकास की रोशनी वैसे नहीं पहुंची है जैसे कि पहुंचनी चाहिए थी. पूर्णिया का नाम आते ही करीब 5 दशक पहले रिलीज हुई फिल्म 'तीसरी कसम' याद आ जाती है. फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी 'मारे गए गुलफाम' पर आधारित इस फिल्म में राज कपूर ने हीरामन गाड़ीवान का किरदार निभाया था.

पूर्णिया के 'फकरतकिया' गांव की जीवन की कठिनाइओं को 'तीसरी कसम' ने बड़े जीवंत ढंग से उकेरा था. ये बात दूसरी है कि पांच दशक बाद भी पूर्णिया के कई इलाके विकास की बाट जोह रहे है. अब देखना दिलचस्प होगा कि केलाबाड़ी गांव का नाम योगी आदित्यनाथ ग्राम कर देने से वहां क्या जादू होता है.

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