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बाहुबलियों के बाद माफिया डॉन पर योगी की टेढ़ी नजर, जारी हुआ नया फरमान

उत्तर प्रदेश के 90 से अधिक बाहुबलियों को उनके गृह जनपदों से दूर की जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के स्थानीय अपराध नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है.

 स्थानीय अपराध नेटवर्क ध्वस्त करने का प्रयास स्थानीय अपराध नेटवर्क ध्वस्त करने का प्रयास
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 03 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

उत्तर प्रदेश के 90 से अधिक बाहुबलियों को उनके गृह जनपदों से दूर की जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के स्थानीय अपराध नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है. स्थानांतरित किए गए बाहुबलियों में मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी, अतीक अहमद, शेखर तिवारी, मौलाना अनवारूल हक, मुकीम उर्फ काला, उदयभान सिंह उर्फ डाक्टर, टीटू उर्फ किरनपाल, राकी उर्फ काकी और आलम सिंह शामिल हैं.

अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) जीएल मीणा ने बताया कि डॉन सलाखों के पीछे हैं. हालांकि उनके गिरोह के लोग हत्या, अपहरण, डकैती और रंगदारी आसानी से अंजाम देते हैं. 90 से अधिक कैदियों को एक जेल से दूसरी जेल स्थानांतरित किया गया है. जो लोग आगरा, वाराणसी और बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती हैं. उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. जेल प्रशासन ने मानसिक अस्पतालों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि विचाराधीन कैदियों की स्वास्थ्य रिपोर्ट भेजें.

अस्पताल से जेल जाएंगे यूपी के डॉन
उन्होंने बताया कि विभिन्न मानसिक अस्पतालों में दाखिल 18 जेल अंत:वासियों की पहचान की जा चुकी है. उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट देने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. उन अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है, जहां विचाराधीन कैदी भर्ती हैं. अधिकांश कुख्यात अपराधी हैं. पकड़े जाने के डर से अब डॉक्टरों ने ऐसे विचाराधीन कैदियों को अस्पताल से छुट्टी देना शुरू कर दिया है. डॉक्टरों को ऐसा करने के लिए सख्त निर्देश दिया गया है.

धमकाने के लिए जेल से करते थे फोन
जेल प्रशासन को सूचना मिली है कि गिरोह के सदस्य जेल में मिलने आते हैं और वहीं से आपराधिक वारदात की योजना बनती है. औचक छापे के दौरान अपराधियों की बैरकों से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. व्यवसायी, ठेकेदार और सरकारी अधिकारियों तथा बात नहीं मानने वालों को जेल से किसी बाहुबली का फोन ही धमकाने के लिए काफी होता है. अंत: वासियों को एक जेल से दूसरी जेल स्थानांतरित करने की वजह उनका नेटवर्क तोड़ना है.

यूपी सीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई
यूपी के मुख्यमंत्री ने 30 मार्च को कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पुलिस एवं कारागार अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा था. मुख्तार अंसारी को लखनऊ से बांदा जेल भेजा गया. अतीक अहमद को नैनी से देवरिया भेजा गया. मुन्ना बजरंगी को झांसी से पीलीभीत और शेखर तिवारी को बाराबंकी से महाराजगंज जेल भेजा गया. स्पेशल टास्क फोर्स और आतंकवाद रोधी स्क्वायड ने जेल में बंद माफिया डॉन की गतिविधियों की निगरानी करने के बाद सूचना जेल प्रशासन को दी.

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