
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के नतीजों से भारतीय जनता पार्टी सकते में है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नतीजों के बाद इसका कारण अतिआत्मविश्वास बताया था. हालांकि अब उन्हें इस करारी हार की वजह से अमित शाह को भी रूबरू करवाना होगा.
सूत्रों से खबर है कि बीजेपी आलाकमान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया है. शनिवार शाम को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उनसे मुलाकात कर सकते हैं. इस बैठक में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के विपरीत नतीजों पर भी चर्चा हो सकती है.
शनिवार शाम 5 बजे अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच यह बैठक होगी. वहीं आपको बता दें कि इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने हार के बाद अपने कई कार्यक्रम रद्द कर दिए थे. यूपी सीएम ने गुरुवार को होने वाले अपने सारे राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए थे.
पूर्व में तय कार्यक्रम के मुताबिक योगी आदित्यनाथ को गोंडा जाना था, वहां पर योगी को 4 दिवसीय लोक कला महोत्सव में हिस्सा लेना था. लेकिन अब उनकी जगह उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा महोत्सव में हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम में योगी को नानाजी देशमुख की मूर्ति का अनावरण करना था.
आपको बता दें कि बुधवार को आए गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनावों के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को करारी हार मिली है. गोरखपुर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट थी.
बता दें कि अब तक पूर्वांचल की गोरखपुर सीट को बीजेपी का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता रहा है, लेकिन उपचुनाव में ये सुरक्षित किला दरक गया. पिछले 30 साल से बीजेपी के लिए अजेय रहे गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा ने जीत का परचम लहरा दिया है.
बीजेपी उम्मीदवार को गोरखपुर संसदीय सीट से सिर्फ नहीं हार ही नहीं मिली बल्कि जिस गोरखनाथ मठ के योगी आदित्यनाथ महंत हैं, उस पर भी 2014 लोकसभा चुनाव से कम वोट मिले हैं. गोरखनाथ मठ वाले बूथ (बूथ संख्या 250) पर बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल को महज 182 वोट मिले. जबकि 2014 के चुनाव में योगी आदित्यनाथ को 233 वोट मिला था.
हालांकि योगी और गोरखपुर की सियासत का सबसे बड़ा केंद्र गोरखनाथ मठ पिछले तीन दशक से है. वहीं हार पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हम इस (बसपा-सपा) गठबंधन को समझने में फेल रहे, जिसका एक कारण अतिआत्मविश्वास भी है. दोनों चुनाव हमारे लिए एक सबक है, इसकी समीक्षा की काफी जरूरत है.
योगी ने कहा कि इस फैसले को स्वीकार करते हैं. यूपी सीएम बोले कि अंतिम समय में सपा-बसपा एक साथ आई, दोनों पार्टियां राज्यसभा चुनावों की वजह से एक साथ आई. हम इस गठबंधन को समझने में फेल रहे, जिसका एक कारण अतिआत्मविश्वास भी है.
उन्होंने कहा, 'हम अपनी कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे, हम भविष्य की बेहतर योजना पर काम करेंगे. हार की यह वजह तो उन्होंने मीडिया और जनता को बताई, लेकिन वहीं अब देखना यह है कि अमित शाह को वह हार की क्या वजह बताते हैं.'