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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में स्थित सभी मदरसों में आगामी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि देश के तमाम नागरिक होली, दीपावली, ईद और लोहड़ी के त्यौहार मनाते हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को पूरा देश मनाता है. मदरसों को इससे अलग नहीं किया जाना चाहिये.
झंडारोहण के साथ हो राष्ट्रगान
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने हाल में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उपनिदेशक तथा राज्य के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को भेजे गये आदेश में कहा है कि आगामी स्वाधीनता दिवस पर राज्य के सभी मदरसों में झंडारोहण के साथ राष्ट्रगान गाया जाए.
आदेश में स्वाधीनता दिवस पर सभी मदरसों में छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीतों का प्रस्तुतिकरण करने, स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने, उनके सम्बन्ध में बच्चों को बताने और राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है.
सरकार ने मांगा कार्यक्रम का फुटेज
आदेश में अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की तस्वीरें और वीडियो फुटेज प्राप्त करें, ताकि उत्कृष्ट श्रेणी के कार्यक्रमों को भविष्य में दोहराया या प्रोत्साहित किया जा सके. मालूम हो कि प्रदेश में इस वक्त परिषद से मान्यता प्राप्त करीब 8000 मदरसे हैं. उनमें से 560 मदरसे राज्य सरकार के अनुदान से चलते हैं.
सांस्कृतिक कार्यक्रम से प्रेरित होंगे बच्चे
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी ने यह आदेश जारी करने की वजह से बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार का मानना है कि जो मदरसे उसके वित्तीय सहयोग से चल रहे हैं, कम से कम उन्हें तो स्वाधीनता दिवस समेत तमाम राष्ट्रीय पर्व मनाना चाहिये. इस दिन मदरसों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये विद्यार्थियों को हमारे स्वाधीनता संग्राम के समृद्ध इतिहास के बारे में बताया जाएगा, जिससे वे निश्चित रूप से प्रेरित होंगे.
सरकार की मंशा पर शक करने वालों पर संदेह
चौधरी ने कहा कि जो लोग इस आदेश के पीछे सरकार की मंशा पर शक कर रहे हैं, मुझे राष्ट्रवाद के प्रति उनकी गम्भीरता पर संदेह होता है. तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली पूर्ववर्ती सरकारों के बरक्स मौजूदा बीजेपी सरकार राष्ट्रवाद पर जोर दे रही है.
सरकार के आदेश का क्या मतलबः फिरंगी
इस बीच, इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम फरंग महल के प्रमुख और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश-प्रदेश के मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाया जाता रहा है. इसके अलावा विद्यार्थियों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी बताया जाता रहा है. ऐसे में सरकार द्वारा यह आदेश जारी करने का क्या मतलब लगाया जाना चाहिये.
उन्होंने कहा कि जहां तक स्वतंत्रता दिवस समारोह की वीडियोग्राफी का सवाल है तो सरकार यह बताए कि क्या उसने यह आदेश प्रदेश के सभी स्कूलों के लिये जारी किया है, या यह फरमान सिर्फ मदरसों के लिये है. अगर ऐसा है तो क्या इसे मदरसों की देशभक्ति पर सवाल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये.
सरकार का विरोध करने वाले पाकिस्तान चले जाएं
बीजेपी की वरिष्ठ नेता रूमाना सिद्दीकी ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि 15 अगस्त हमारा स्वाधीनता दिवस है. जब देश के विभिन्न शिक्षण संस्थान इस दिन को जोश-ओ-खरोश से मनाते हैं तो इसमें मदरसे क्यों पीछे रहें. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का विरोध करने वालों को भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिये.
आपको बता दें कि यूपी में करीब 8000 मदरसे हैं, लेकिन जो मदरसा परिषद के अंतर्गत आते हैं. इनमें से लगभग 560 मदरसे ऐसे हैं जोकि पूरी तरह से यूपी सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त हैं और यूपी सरकार ही इनका खर्च वहन करती है. आपको बता दें कि कल ही मुंबई के बीएमसी ने भी एक प्रस्ताव पारित किया है जिसके मुताबिक उसके अंतर्गत चलनेवाले सभी स्कूलों में वंदे मातरम अनिवार्य होगा. बीएमसी में पास हुए इस प्रस्ताव को कमिश्नर के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है.