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योगी सरकार का एक महीना- जानें 5 बड़े चुनावी वादों का क्या हुआ?

यूपी में प्रचंड जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने सीएम की कुर्सी सौंपी. पहले दिन से ही सीएम योगी एक्शन मोड में आ गए थे. यूपी को बदलने और विकास का वनवास दूर करने के वादे के साथ सत्ता में आई योगी सरकार के एक महीने पूरे हो गए हैं. इस दौरान पांच बड़े चुनावी वादों पर क्या प्रगति हुई आइए डालते हैं इसपर नजर.

जनता दरबार में CM योगी आदित्यनाथ जनता दरबार में CM योगी आदित्यनाथ
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST

यूपी में प्रचंड जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने सीएम की कुर्सी सौंपी. पहले दिन से ही सीएम योगी एक्शन मोड में आ गए थे. यूपी को बदलने और विकास का वनवास दूर करने के वादे के साथ सत्ता में आई योगी सरकार के एक महीने पूरे हो गए हैं. इस दौरान पांच बड़े चुनावी वादों पर क्या प्रगति हुई आइए डालते हैं इसपर नजर.

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पहला बड़ा वादा- कर्ज माफी
क्या हुआ- बीजेपी ने बल्कि खुद पीएम मोदी ने चुनावी सभा के दौरान वादा किया था कि यूपी में अगर हमारी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों का कर्जमाफ किया जाएगा. सरकार बनने के बाद योगी कैबिनेट की पहली बैठक 19 दिन बाद हुई. इस बैठक में किसानों का एक लाख तक का फसली कर्ज सरकार ने माफ कर दिया. कहा गया कि पहले कैबिनेट बैठक में फैसले की शर्त के कारण ही कैबिनेट बैठक में देरी हुई. योगी सरकार ने किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया. इसके अलावा गेंहू और आलू की खरीद को लेकर बड़े फैसले किए गए. साथ ही गन्ना किसानों का बकाया 14 दिन में लेने का फैसला दूसरी कैबिनेट बैठक में लिया गया.

दूसरा बड़ा वादा- महिला सुरक्षा का
क्या हुआ- सपा राज में महिलाओं के असुरक्षित होने और यूपी के क्राइम कैपिटल बनने की बात पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ लगातार करते रहे और सत्ता में आने पर एंटी रोमियो दस्ते समेत कई वादे पूरे करने का भरोसा दिलाते रहे. योगी सरकार ने 19 मार्च को राज्य की सत्ता संभाली. सत्ता बदलते ही यूपी पुलिस ने हर जिले में एंटी रोमियो स्कवॉड गठित कर दिया. मनचलों के खिलाफ दस्ते की कार्रवाई शुरू हो गई और पूरे राज्य में एंटी रोमियो दस्ते का एक्शन चर्चा में आ गया. स्कूल-कॉलेजों के बाहर, पार्कों में मनचले पकड़े जाने लगे. हालांकि, कई जगहों पर साथ जा रहे छात्र-छात्राओं, भाई-बहनों पर भी कार्ऱवाई हुई जिससे ये मुद्दा विवादों में आ गया. सीएम योगी खुद सामने आए. उन्होंने एंटी रोमियो दस्ते के काम की सराहना की लेकिन साथ ही नसीहत दी कि साथ मर्जी से जा रहे कपल पर कार्रवाई न की जाए. इसके अलावा ट्रिपल तलाक का मुद्दा भी योगी सरकार के सामने महिला अधिकारों के लिए उठाया गया. सीएम योगी ने इसकी तुलना चीरहरण से की और कहा कि जो लोग ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर चुप हैं वे अपराधियों की तरह हैं.

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तीसरा बड़ा वादा- 24 घंटे बिजली
क्या हुआ- बीजेपी के चुनावी वादे में 24 घंटे बिजली देने का वादा भी सबसे अहम है. सत्ता में आते ही योगी सरकार ने इसके लिए तेजी से कदम उठाया. योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में फैसला किया कि शहरों में 24 घंटे और गांवों में 18 घंटे बिजली दी जाएगी और दिसंबर 2018 तक सभी घरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी. इसके अलावा ट्रांसफर्मर खराब होने पर शहरों में 24 घंटे और गांवों में 48 घंटे में बदलना होगा ये फैसला भी किया गया. बिजली बिल पर सरचार्ज भी योगी सरकार ने माफ कर दिया. इसके अलावा केंद्र के बिजली मंत्रालय के साथ बैठक कर दीर्घकालीन ऊर्जा योजना पर भी योगी सरकार काम कर रही है.

चौथा बड़ा वादा- अवैध बूचड़खानों पर ताला
क्या हुआ- बीजेपी का एक बड़ा चुनावी वादा था यूपी में अवैध बूचड़खानों पर ताला लगाने का. सरकार बदलते ही आगरा, मेरठ, इलाहाबाद, लखनऊ समेत तमाम जगहों पर बूचड़खानों पर छापे पड़े. इसके बाद मीट कारोबारियों की हड़ताल भी हुई. लेकिन सीएम योगी ने साफ कर दिया कि अवैध बूचड़खानों को नहीं चलने देंगे. सीएम योगी ने कहा कि बूचड़खानों पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के फैसलों को लागू किया जाएगा.

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पांचवां बड़ा वादा- बुंदलेखंड पर विशेष ध्यान और नई उद्योग नीति
क्या हुआ- पीएम मोदी ने चुनावी रैली में कहा था कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है तो विकास का 14 साल का वनवास खत्म होगा और यूपी को देश के विकास का इंजन बनाया जाएगा. योगी सरकार ने बुंदेलखंड के लिए पेयजल परियोजना का ऐलान किया है. पहली कैबिनेट बैठक में ही योगी सरकार ने नई उद्योग नीति लाने का ऐलान किया. इसके लिए पांच मंत्रियों का समूह बनाया गया और मंत्रियों को दूसरे राज्यों की उद्योग नीति का अध्ययन करने के लिए दौरे पर भी भेजा गया. उत्तर प्रदेश की आबादी 22 करोड़ है यानी देश की आबादी की 16 फीसदी, लेकिन जीडीपी में यूपी का हिस्सा सिर्फ 12 फीसदी है. प्रति व्यक्ति आय में यूपी 31वें नंबर पर हैं. यूपी में 30 फीसदी गरीब हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 22 फीसदी है. जानकारों के मुताबिक अगर यूपी में विकास होता है, तो देश की विकास दर एक फीसदी बढ़ जाएगी.

योगी सरकार के लिए वक्त कम हैं और चुनौतियां हजार हैं. योगी सरकार इसी लिए पहले दिन से ही एक्शन मोड में नजर आ रही है. 2019 में आम चुनाव होने हैं और मोदी की दूसरी पारी के लिए देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में बीजेपी सरकार का प्रदर्शन भी काफई मायने रखता है. इस लिहाज से देखा जाए तो न सिर्फ मोदी बल्कि योगी के लिए परफॉर्म करने के लिए अब बस दो साल ही बाकी हैं.

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