Advertisement

समय से पहले चंद्रशेखर 'रावण' होंगे 'आजाद', योगी सरकार का बड़ा फैसला

सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद रावण सहारनपुर जेल में बंद थे, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रावण को जमानत भी दे दी थी. लेकिन सहारनपुर डीएम की अनुशंसा पर उनके ऊपर रासुका लगने की वजह से रिहाई नहीं हो पाई थी.

भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद 'रावण' (फाइल फोटो) भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद 'रावण' (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक/विवेक पाठक
  • लखनऊ,
  • 13 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

साल 2017 में सहारनपुर में जातीय दंगे फैलाने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासूका) के तहत जेल में बंद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद 'रावण' को सूबे की योगी सरकार ने समय से पहले रिहा करने का फैसला लिया है.

राज्य सरकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि रावण की मां के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उनकी समयपूर्व रिहाई का फैसला लिया गया है. बता दें कि रावण को 1 नवंबर, 2018 तक जेल में रहना था लेकिन अब उन्हें जल्‍द ही रिहा कर दिया जाएगा. रावण के अलावा दो अन्‍य आरोपियों सोनू पुत्र नाथीराम और शिवकुमार पुत्र रामदास को भी सरकार ने रिहा करने का फैसला किया है.

Advertisement

बता दें कि बीते साल सहारनपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच हुई जातीय हिंसा के चलते लगभग एक महीने तक जिले में तनाव रहा था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को प्रशासन ने हिंसा का मुख्य आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे. जिसके बाद डीएम सहारनपुर की रिपोर्ट पर चंद्रशेखर के खिलाफ रासुका लगा दिया गया था जिसे लेकर भीम आर्मी ने विरोध जताया था. साथ ही रावण की रिहाई की मांग को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक प्रदर्शन हो रहे थे.

योगी सरकार के इस फैसले लोकसभा चुनावों से पहले दलितों की नाराजगी दूर करने के दांव के तौर पर देखा जा रहा है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी का खासा प्रभाव है, जो दलित आंदोलन के जरिए अपनी जड़ें जमाना चाहती है. हाल में हुए कैराना और नूरपुर के उपचुनावों में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त के पीछे भीम आर्मी के दलित-मुस्लिम गठजोड़ को बड़ी वजह माना जा रहा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement