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योगी के मंत्री एक महीने में नहीं दे पाए प्रॉपर्टी का हिसाब, डेडलाइन फिर बढ़ाई गई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही अपने सहयोगी मंत्रियों को आय और चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा देने के निर्देश दिए थे.

योगी मंत्रिमंडल योगी मंत्रिमंडल
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही अपने सहयोगी मंत्रियों को आय और चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा देने के निर्देश दिए थे. इसके लिए योगी जी ने 15 दिन की डेड लाइन भी रखी थी. लेकिन उनके सभी मंत्री अभी अपनी प्रॉपर्टी का ब्योरा नहीं दे पाए हैं. तब से ये डेडलाइन दो बार बढ़ानी पड़ी है.

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19 मार्च को योगी सरकार के शपथग्रहण करने के बाद अब एक महीने से ऊपर हो गया है, लेकिन अभी तक सारे मंत्रियों की जानकारी नहीं आई है. इसी संदर्भ में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल द्वारा सभी मंत्रियों को एक रिमाइंडर भी भेजा गया था. अब ये डेडलाइन बढ़ा कर 30 अप्रैल कर दी गई है.

बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश देते हुए योगी ने सभी मंत्रियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा 15 दिन में संगठन और मुख्यमंत्री के सचिव को देने को कहा था. सूत्रों की माने तो काफी व्यस्तता के चलते कुछ मंत्री अपने प्रॉपर्टी का ब्योरा नहीं दे पाए हैं.

इसके पहले केंद्र में मोदी सरकार ने भी अपने मंत्रियों से चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा था. बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन देने का दावा करती रही है, इसलिए सबसे पहले मंत्रियों से प्रॉपर्टी का ब्योरा सार्वजनिक करने को कहा गया है.

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मंत्रियों के लिए जारी हुई है आचार संहिता
हाल में सीएम योगी ने अपने मंत्रियों के लिये एक नया फरमान जारी किया जिसके साथ मंत्रियों पर आचार संहिता लागू हो गई है. इसके तहत सभी मंत्रियों को कहा गया है कि वह ठेकेदारी से दूर रहे, तो वहीं महंगे होटलों में रुकने की बजाय सरकारी गेस्ट हाउस में ही रुके. इसके अलावा योगी ने कई और हिदायतें भी दी हैं.

योगी ने अपने फरमान में कहा है कि सभी मंत्री महंगी दावत और दिखावे से दूर रहे. मंत्री के परिजन किसी भी तरह के सरकारी ठेके, सप्लाई या पट्टों से दूर रहे. योगी ने अपने मंत्रियों से उनके पास मौजूद सभी सोने-चांदी के गहनों की जानकारी मांगी है, साथ ही अगर किसी कंपनी में कोई मंत्री साझेदार है तो उसकी भी जानकारी मुख्यमंत्री को देनी होगी.

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