
करीब ढाई महीने पहले यूपी की सत्ता संभालने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि हिंदुत्ववादी नेता की रही है. सीएम योगी के सत्ता में आने के बाद यूपी में राम मंदिर के निर्माण को लेकर समर्थकों में उम्मीद बढ़ी है तो योगी आदित्यनाथ ने भी गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी आदि शहरों का दौरा कर अपनी इस छवि को बरकरार रखा है. अब योगी इलाहाबाद पहुंच रहे हैं. आखिर क्या है उनकी इस धर्मयात्रा के मायने.
अयोध्या को 350 करोड़ की सौगातें
राम मंदिर बनाने का वादा करने वाले योगी आदित्यनाथ पिछले हफ्ते अयोध्या पहुंचे. रामायण संग्रहालय के लिए योगी सरकार 25 एकड़ जमीन मुफ्त देने का फैसला पहले ही कर चुकी है. योगी आदित्यनाथ ने महंतों से भी मुलाकात की और ऐलान किया कई मुस्लिम संगठनों ने राम मंदिर बनाने के लिए जमीन देने का समर्थन किया है और सबकी सहमति से जल्द ही मंदिर निर्माण होगा. अयोध्या दौरे की शुरुआत सीएम योगी ने हनुमानगढ़ी पर दर्शन और पूजन के साथ किया. योगी ने ऐलान किया कि गंगा आरती की तरह सरयू नदी के तट पर भी आरती होगी. राम की पैड़ी पर घाटों का सौन्दर्यीकरण भी होगा.
वाराणसी से किया वादा भी निभाने की कही बात
27 मई को सीएम योगी धर्मिक नगरी और पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में थे. काल भैरव मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर में योगी ने पूजा की. योगी ने 51 किलो दूध से बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में एक सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने गंगा नदी की महत्ता बताते हुए 'नमामि गंगे' योजना की तारीफ की. सीएम योगी ने कहा कि वाराणसी का विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता में है.
अब संगम नगरी इलाहाबाद का दौरा
शनिवार को सीएम योदी का इलाहाबाद दौरे का कार्यक्रम है. इससे पहले योगी ने मिर्जापुर पहुंचकर विंध्यवासिनी देवी के दर्शन किए. मिर्जापुर में योगी विंध्याचल मण्डल के तीनों जिलों मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही की समीक्षा बैठक लेंगे. संगम क्षेत्र के घाटों का निरीक्षण करेंगे. गंगा आरती आरती में शिरकत करेंगे. साथ ही कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे.
क्या है धर्मयात्रा के मायने?
धार्मिक स्थलों के दौरे से जहां योगी का मकसद हिंदुत्व की अपनी छवि बनाए रखने की होगी वहीं हर इलाके में विकास कार्यों और योजनाओं के केंद्र में इन धार्मिक महत्व के शहरों को रखने की भी होगी. ये बीजेपी और मोदी सरकार के मिशन 2019 के लिए काफी अहम रणनीति साबित हो सकती है.