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Conclave15; भूमि अधिग्रहण बिल से मिलेगी तरक्की को रफ्तार: अमिताभ कांत

इंडिया टुडे कॉनक्लेव में शनिवार को तीसरे सेशन में मोदी सरकार के मेक इन इंडिया पर चर्चा हुई, जिसमें आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर, कल्याणी ग्रुप के चेयरमैन बाबा कल्याणी, जिपडायल की फाउंडर वैलरी वैगनर और मेक इन इंडिया में अहम भूमिका निभाने वाले इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन के सचिव अमिताभ कांत शामिल हुए.

इंडिया टुडे कॉनक्लेव में वाईसी देवेश्वर, वैलरी वैगनर, बाबा कल्याणी और अमिताभ कांत इंडिया टुडे कॉनक्लेव में वाईसी देवेश्वर, वैलरी वैगनर, बाबा कल्याणी और अमिताभ कांत
रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST

इंडिया टुडे कॉनक्लेव में शनिवार को तीसरे सेशन में मोदी सरकार के मेक इन इंडिया पर चर्चा हुई, जिसमें आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर, कल्याणी ग्रुप के चेयरमैन बाबा कल्याणी, जिपडायल की फाउंडर वैलरी वैगनर और मेक इन इंडिया में अहम भूमिका निभाने वाले इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन के सचिव अमिताभ कांत शामिल हुए.

युवाओं को रोजगार देना चुनौती
वाईसी देवेश्वर ने कहा कि मेक इन इंडिया बड़ा प्रोग्राम है, लेकिन उसे बहुत आसानी से समझाया गया है. भारत की सबसे बड़ी समस्या यह है कि ये युवाओं का देश है. 12 मिलियन लोग हर साल जॉब मार्केट में आते हैं और इन्हें रोजगार देना हमारे लिए बड़ी चुनौती है. जॉब मार्केट में आने वाले युवाओं की तादाद लगातार बढ़ रही है. अमिताभ कांत ने कहा कि देश को नेताओं को यह महसूस करना चाहिए कि रोजगार पैदा करना सबसे जरूरी है.

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भूमि अधिग्रहण बिल से मिलेगी तरक्की को रफ्तार
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को भूमि अधिग्रहण पर एक मजबूत पॉलिसी की जरूरत है. नया भूमि अधिग्रहण बिल अच्छा बिल है और इससे देश की तरक्की को रफ्तार मिलेगी.

इंटलेकच्युल प्रॉपर्टीज की जरूरत
वाईसी देवेश्वर के मुताबिक, सिर्फ मेक इन इंडिया से काम नहीं चलेगा, बल्कि इंटलेकच्युल प्रॉपर्टीज भी बढ़ाने की जरूरत है. लुधि‍याना में बनी 200 रुपये की शर्ट विदेश में ब्रांड का टैग लगाकर हमारों की कीमत में बेची जा सकती है, लेकिन इसके लिए इंटलेकच्युल प्रॉपर्टीज की जरूरत होती है. मेक इन इंडिया का फोकस सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर हैं, हमें इटंलेक्चुयल प्रॉपर्टीज भी बढ़ानी होगी. मेक इन इंडिया को मजबूत बनाने के लिए 360 डिग्री एक्शन की जरूरत है.

एफडीआई से मिला फायदा
बाबा कल्याणी बोले, '2000 से पहले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हम लोग खुद पर भरोसा करते हैं. हम 2000 के बाद ग्लोबल मार्केट में गए और हमें बहुत सफलता मिली. बहुत सारी चीजें हुई हैं, लेकिन मेक इन इंडिया के तहत कुछ और कदम उठाए जाने की जरूरत है. एफडीआई से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बहुत फायदा मिला है.' अमिताभ कांत ने कहा कि भारत एफडीआई के लिहाज से सबसे बड़ी मार्केट है. पिछले नौ महीनों में एफीडीआई में 36 से 37 फीसदी ग्रोथ दर्ज हुई है. हमने कई बड़े फैसले लिए हैं. उन्होंने राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा का एहसास पैदा करने की भी जरूरत बताई.

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आईटी सेक्टर को भी मिले फायदा
जिप डायल की फाउंडर और सीईओ वैलरी वैगनर ने कहा कि मेक इन इंडिया का फायदा आईटी सेक्टर को भी मिलना चाहिए.

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