
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने सोमवार को दावा किया कि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उनके बेटे को भारत की वर्ल्ड कप क्रिकेट टीम में नहीं देखना चाहते थे, लेकिन कुछ मिनट बाद ही युवराज ने इसका खंडन किया. युवराज ने अपने पिता की बात का खंडन करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
चयनकर्ताओं ने युवा स्पिनर अक्षर पटेल को युवराज पर तरजीह दी. योगराज ने कहा, ‘युवराज ने 15 साल तक देश के लिए खून पसीना दिया और 90 फीसदी मैच जीते. उसने धोनी के साथ भी खेला और कई टूर्नामेंट जीते. पिछले वर्ल्ड कप में युवराज कैंसर से जूझते हुए खेला और टीम को वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई.’
योगराज ने कहा, ‘जब वह कैंसर से जूझ रहा था, तब उसने मुझसे कहा कि यदि वह मर भी जाए तो देश के लिए खेलने की चाह कम नहीं होगी और वह भारत को वर्ल्ड कप दिलाने की पूरी कोशिश करेगा. और अब उसके साथ ऐसा बर्ताव किया गया.’ धोनी पर भड़ास निकालते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं धोनी को बताना चाहूंगा कि सही तालीम और संस्कार सिखाते हैं कि यदि कोई हमवतन गिरता है तो उसकी मदद करनी चाहिए. यदि वह चल नहीं पा रहा है तो उसे अपना कंधा देना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मैं धोनी के माता-पिता को भी कहना चाहूंगा कि कल भले ही युवराज और धोनी नहीं खेल रहे होंगे, लेकिन धोनी ने युवराज के साथ जो किया, वह हमेशा याद रखा जाएगा. मैं बहुत दुखी हूं क्योकि मैं या युवराज, धोनी के दुश्मन नहीं हैं, लेकिन मैं उससे कहना चाहता हूं कि उसने जो किया, ईश्वर उसका बदला लेगा.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘कप्तान होने के नाते धोनी को अपने सीनियर खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए जो अस्थायी तौर पर खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. मुझे नहीं पता कि वह टीम में युवराज को क्यो नहीं चाहते थे. मेरे बेटे ने हमेशा धोनी की तारीफ की है.’