Advertisement

जनरल वॉर्ड-ICU में नहीं, बल्कि ICCU में है टेलीकॉम सेक्टर: अनिल अंबानी

ADAG समूह के मुखिया अनिल अंबानी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र ICCU में है और इससे सरकार और बैंकों को जोखिम उठाना पड़ सकता है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में उभरते एकाधिकार वाली बाजार परिस्थिति को लेकर भी चेताया है. उन्होंने वादा किया कि मार्च 2018 तक रिलायंस कम्युनिकेश (Rcom) अपनी सभी कठिनाइयों से बाहर आ जाएगा.

अनिल अंबानी अनिल अंबानी
साकेत सिंह बघेल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

ADAG समूह के मुखिया अनिल अंबानी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र ICCU में है और इससे सरकार और बैंकों को जोखिम उठाना पड़ सकता है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में उभरते एकाधिकार वाली बाजार परिस्थिति को लेकर भी चेताया है. उन्होंने वादा किया कि मार्च 2018 तक रिलायंस कम्युनिकेश (Rcom) अपनी सभी कठिनाइयों से बाहर आ जाएगा.

उन्होंने कहा कि उसके सभी कर्जदाता कंपनी के कदमों में उसके साथ हैं. अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी द्वारा चलाए जा रहे रिलायंस जियो के टेलीकॉम सेक्टर में आने से पहले से ही प्रतिस्पर्धी बाजार में परिस्थितियां और कठिन हुई हैं. अनिल अंबानी ने कहा कि हम संभावित रूप से सीमित प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में आगे बढ़ रहे हैं और हमें डर है किसी एक का क्षेत्र में एकाधिकार न हो जाये.

Advertisement

आरकॉम की एनुअल जनरल मीटिंग में अनिल अंबानी ने कहा, वायरलेस और मोबिलिटी सेक्टर को आप किसी भी आयाम से देखें, वो जनरल वॉर्ड में नहीं है और न ही ICU में है बल्कि वह ICCU में है . ये रेवेन्यू के लिहाज से सरकार के लिए खतरा है. यह बैंकिंग क्षेत्र के लिये भी खतरा है और इसमें एक क्षेत्र के विनाश की परिस्थितियां बनी हैं.

वहीं, दूसरी ओर आरइंफ्रा की एजीएम बैठक में अनिल अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एक खरब की रक्षा प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेने के लिये जापानी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है और रिलायंस नेवल और इंजीनियरिंग के लिये राइट्स इश्यू जारी करने की भी योजना बना रहा है.

अनिल अंबानी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दूरसंचार क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा थी, अब घटकर छह रह गई है. इसमें प्रतिस्पर्धा में भारी कमी आई है. इसमें जो भी ग्लोबल कंपनियां थी वह करीब-करीब देश से निकल चुकीं हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा कि अप्रैल में रिवर्ज बैंक के सतर्क करने के बाद दूरसंचार क्षेत्र को नया कर्ज देना पूरी तरह से बंद है. अनिल ने सवाल किया कि एक समय पूरी चमक के साथ काम करने वाला यह क्षेत्र अपने सेवाओं में गुणवत्ता को बरकरार रख सकता है. क्षेत्र को इसके लिये 1,000 अरब रुपये के निवेश की आवश्यकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement