
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने लोगों से गूगल का नया स्मार्ट मैसेजिंग ऐप Allo न यूज करने को कहा है. उन्होंने साफतौर पर यह कहा है कि यह ऐप गूगल के लिए लोगों के डेटा कलेक्ट करने के एक टूल की तरह काम करता है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह व्हाट्सऐप के मुकाबले कम सिक्योर है.
गौरतलब है कि 9 जून, 2013 को अमेरिका की सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा करते हुए दुनिया को यह बताया था कि एनएसए अमेरिकी नागरिकों सहित कुछ दूसरे देशों के लोगों की अवैध तरीके से जासूसी कर रही है. इस खुलासे ने दुनिया भर के लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया. इस घटनाक्रम से अमेरिका को दुनिया भर में फजीहत भी झेलनी पड़ी थी. फिलहाल उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए रूस में शरण ले रखी है.
अगर स्नोडेन के बारे में आपको पता था तो अब समझ गए होंगे कि उनका ये कहना कि लोगों को Google Allo न यूज करना चाहिए, काफी मायने रखता है.
गूगल ऐलो के खिलाफ स्नोडेन
एडवर्ड स्नोडेन ने ट्विट में कहा है कि पिछले सीक्रेट कोर्ट ने निगरानी के 100 फीसदी आवेदन को पास किया था जिसमें अब Allo भी शामिल होगा. ट्वीट के रिप्लाई में उन्होंने कहा है, ' यह डिफॉल्ट रूप से व्हाट्सऐप के मुकाबले कम सिक्योर है और जो एक्सपर्ट नहीं हैं उनके लिए यह खतरनाक साबित होगा'
इसके अलावा उन्होंने लगातार कई ट्वीट किए हैं जिसमें उन्होंने इसे लोगों के लिए खतरनाक बताया है.
इसलिए स्नोडेन इसे बता रहे हैं खतरनाक
कंपनी की नई पॉलिसी के तहत अब न सिर्फ गूगल बल्कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां चाहें तो गूगल से Allo पर किसी की बातचीत की पूरी डीटेल मांग सकते हैं. गौरतलब है कि ऐसी पॉलिसी पहले से जीमेल और हैंगआउट में है जिसके तहत एजेंसियों को कंपनी यूजर के ईमेल से जुड़ी जानकारी दे सकती है.
कंपनी ने इस ऐप का ऐलान करते वक्त कहा था कि Allo में किए गए बातचीत को कंपनी अपने सर्वर में सिर्फ कुछ समय के लिए ही स्टोर करेगी और किसी भी एजेंसी के मांगे जाने पर इसकी जानकारी न देने की बात भी कही थी. लेकिन अब कंपनी अपने वादे से मुकरती दिख रही है और अब Allo में किए गए चैट्स गूगल के सर्वर पर हमेशा के लिए एन्क्रिप्टिड रूप में स्टोर रहेंगे जिसे गूगल एल्गोरिदम ऐक्सेस कर सकता है. हालांकि इन्कॉग्निटो मोड में की गई बातचीत को गूगल स्टोर नहीं करेगा.