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डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने सभी मोबाइल फोन में जीपीएस देने को कहा है. इसके लिए DoT की तरफ से कंज्यूमर सेफ्टी का हवाला दिया गया है. इतना ही नहीं टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कंपनियों द्वारा जीपीएस के बदले वैसी ही दूसरी टेक्नॉलॉजी दिए जाने की मांग को भी खारिज कर दिया है.
इसके बाद अब कंपनियों ने अगाह किया है कि मोबाइल फोन की कीमतें बढ़ सकती हैं. गौरतलब है कि सरकार ने 1 जनवरी 2018 से फीचर फोन सहित सभी स्मार्टफोन्स में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस को अनिवार्य किया है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इमरजेंसी पड़ने पर यूजर्स को ट्रैक किया जा सके.
इंडियन सेल्यूलर ऐसोसिएशन के सवाल के जवाब में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने कहा है, ‘इमरजेंसी में यूजर्स की लोकेशन ट्रैक करने के लिए जीपीएस मुख्य टूल की भुमिका निभाता है. इसलिए सरकार ने यह तय किया है कि इसे 1 जनवरी 2018 के बाद बिकने वाले सभी हैंडसेट में जीपीएस लगा हुआ हो.’
मोबाइल कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्थ ICA ने सरकार से कहा है कि कंपनियां A-GPS टेक्नॉलॉजी यूज करेंगी जो मोबाइल टावर से कनेक्टिविटी पर यूजर्स की लोकेशन ट्रैक कर सके. हालांकि DoT का कहना है कि यह मेथड सिर्फ मोबाइल टावर के जरिए यूजर्स को लोकेट करता है जो पूरी तरह से सही नहीं होता.
ICA के नेशनल प्रेसिडेंट पंकज मोहिंद्रू ने कहा है कि जीपीएस लगाने के बाद सस्ते फीचर फोन की कीमतों में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि इसके लिए उनमें बेहतर हार्डवेयर देने होंगे.