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जीमेल दुनिया में सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली ई-मेल सर्विस है. हाल ही में जीमेल में कई बड़े बदलाव हुए हैं जिनमें डिजाइन तो बदला ही है, साथ ही कुछ नए फीचर्स भी मिले हैं. इनमें कॉन्फिडेंशियल मोड नाम का एक फीचर है. इस फीचर के तहत सेंडर किसी ईमेल में पासवर्ड लगा कर और उसकी एक्सपायरी सेट करके भेज सकता है.
इस फीचर में एक सुविधा ये है कि जिसे आप ईमेल सेंड कर रहे हैं वो आपके ईमेल को कहीं फॉर्वर्ड नहीं कर सकता है. इसके अलावा अगर वो चाहे तो उसका अटैचमेंट भी डाउनलोड नहीं होगा और न ही ईमेल के टेस्क्ट कॉपी किए जा सकेंगे. उदाहरण के तौर पर अगर आपने एक दिन की एक्सपारयरी सेट की है तो एक दिन में वो ईमेल खुद डिलीट हो जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिए दिया गया यह फीचर खुद एक समस्या बन गया है. सबसे बड़ी चिंताजनक बात ये है कि कॉन्फिडेंशियल मोड में भेजे गए ईमेल एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होते हैं यानी गूगल इसके कॉन्टेंट देख सकता है और वो चाहे तो इसे सर्वर पर स्टोर कर सकता है.
अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी अधिकारी ने दावा किया है कि यह ईमेल सर्विस यूजर्स के पर्सनल डेटा एक्सपोज़ कर सकते हैं. एबीसी न्यूज ने अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के नोट के हवाले से रिपोर्ट में कहा है कि जीमेल के कॉन्फिडेंशियल ईमेल मोड में कमियां हैं जो फिशिंग अटैक का कारण बन सकती हैं और प्राइवेट जानकारियां लीक कर सकती हैं.
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के इस नोट के मताबिक कॉन्फिडेंशियल ईमेल फीचर के तहत ईमेल रीसिव करने वाले यूजर को कॉन्फिडेंशियल ईमेल पढ़ने के लिए एक लिंक पर क्लिक करना होता है. हैकर्स इसी का सहारा लेकर यूजर्स के ईमेल में एंटर कर सकते हैं. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के एक प्रवक्ता ने एबीसी न्यूज से कहा है, ‘हमने गूगल को इस खामी के बारे में जानकारी दी है और साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने को कहा है’
खबर लिखे जाने तक गूगल की तरफ से इस पर कोई भी बयान नहीं आया है.