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एंड्रॉयड यूजर्स के लिए खुशखबरी, थर्ड पार्टी ऐप्स कॉल लॉग और मैसेज एक्सेस नहीं कर पाएंगे

आम तौर पर एंड्रॉयड प्ले स्टोर के ऐप्स इंस्टॉल होने के बाद कॉल लॉग्स और मैसेज करने का परमिशन लेते हैं. अगर उन्हें इसकी जरूरत नहीं है फिर भी डेवेलपर्स कई बार ऐसा करते हैं.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

एंड्रॉयड यूजर्स के लिए यह खबर खुशखबरी की तरह है. खास कर उन लोगों के लिए जो प्राइवेसी पसंद करते हैं. गूगल ने संभावित डेटा लीक और हैकिंग से बचने के लिए थर्ड पार्टी डेवेलपर्स के लिए एक कड़ी गाइडलाइन जारी की है. यह पॉलिसी प्ले स्टोर के लिए है. कंपनी ने कुछ बदलाव किए हैं जिसके तहत यूजर्स को ऐप यूज पर ज्यादा कंट्रोल दिया गया है.

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सिर्फ डिफॉल्ट ऐप्स को कॉल और टेक्स्ट मैसेज भेजने की परमिशन होगी. गूगल के मुताबिक कॉल लॉग और मैसेज की परमिशन सिर्फ फोन के डीफॉल्ट ऐप के पास होगी. एंड्रॉयड ऐप डेवेलपर्स को 90 दिनों का समय दिया गया है ताकि वो ऐप्स को इसी तरह से अपडेट कर लें.

हाल ही में गूगल ने गूगल प्लस के 5 लाख अकाउंट के संभावित डेट लीक के बारे में बताया है. इसके बाद कंपनी ने यूजर्स के लिए गूगल प्लस को बंद करने का भी ऐलान किया है. गूगल ने कहा है SMS Retriever API, SMS Intent API और Share Intent API या Dial Intent API जैसी सर्विस को ही कॉल, एसएमएस और कॉल लॉग के ऐक्सेस की परमिशन दी जाएगी.

कंपनी को उम्मीद है कि ऐसा करके यूजर्स को संभावित हैकिंग के खतरे से बचाया जा सकेगा. क्योंकि ऐप्स कॉल लॉग्स, मैसेज और डीटेल्स लेकर यूजर्स को कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं. प्ले स्टोर पर ऐसे ऐप्स की भरमार है जो बिना वजह के ही कॉल लॉग्स, कॉल और मैसेज ऐक्सेस का परमिशन लेते हैं. लेकिन असल में उस ऐप के लिए उनको इसकी जरूरत नहीं होती है.

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गौरतलब है कि गूगल ने इस नई पॉलिसी को प्रोजेक्ट स्ट्रॉब के तहत लाया है. यह प्रोजेक्ट गूगल सिक्योर यूजर डेटा का एक हिस्सा है.

अब देखना होगा कि आने वाले समय में एंड्रॉयड यूजर्स पर इसका क्या असर पड़ता है.

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