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सावधान, आपकी बातें सुनता है आपका स्मार्टफोन! करता है जासूसी

क्या आपको पता है कि आपके एंड्रॉयड फोन में मौजूद कुछ लोकप्रिय ऐप आपकी जासूसी करते हैं! जी हां, ये ऐप आपकी बातों को सुनते हैं, आपके बिहेवियर पर नजर रखते हैं और यहां तक कि आपके एक्टिविटीज के स्क्रीनशॉट्स भी लेते हैं और उसे थर्ड पार्टी को भेज सकते हैं. ये जानकारी एक नए स्टडी में सामने आई है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

क्या आपको पता है कि आपके एंड्रॉयड फोन में मौजूद कुछ लोकप्रिय ऐप आपकी जासूसी करते हैं! जी हां, ये ऐप आपकी बातों को सुनते हैं, आपके बिहेवियर पर नजर रखते हैं और यहां तक कि आपके एक्टिविटीज के स्क्रीनशॉट्स भी लेते हैं और उसे थर्ड पार्टी को भेज सकते हैं. ये जानकारी एक नए स्टडी में सामने आई है.

रिसर्चर्स ने कहा है कि, मोबाइल के स्क्रीन पर आपके एक्टिविटीज के इन स्क्रीनशॉट्स और वीडियो में आपके यूजरनेम, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड का नंबर और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं.

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बोस्टन के नार्थइस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक डेविड चोफनस ने कहा, 'हमने पाया कि सभी ऐप के पास आपके स्क्रीन को या जो कुछ भी आप टाइप करते हैं, उन्हें रिकार्ड करने की क्षमता है.'

इस स्टडी को बार्सिलोना में होने वाले प्राइवेसी एन्हान्सिंग टेक्नोलॉजी सिंपोजियम में पेश किया जाएगा. अध्ययन के अंतर्गत, टीम ने स्टू़डेंट्स द्वारा लिखे गए एक ऑटोमेटेड टेस्ट प्रोग्राम का उपयोग कर एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में 17,000 से ज्यादा सबसे महत्वपूर्ण ऐप का विश्लेषण किया. इन 17,000 ऐप में से 9,000 ऐप के पास स्क्रीनशॉट्स लेने की क्षमता थी.

विश्वविद्यालय के प्राध्यापक क्रिस्टो विल्सन ने कहा, 'अध्ययन में किसी भी प्रकार के ऑडियो लीक का पता नहीं चला. एक भी ऐप ने माइक्रोफोन को एक्टिव नहीं किया.'

उन्होंने आगे कहा, 'उसके बाद हमने ऐसी चीजें देखी, जिसकी हमे आशा नहीं थी. ऐप खुद ब खुद स्क्रीनशॉट्स ले रहे थे और थर्ड पार्टी को भेज रहे थे.'

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विल्सन ने कहा, 'इसका उपयोग निश्चित ही किसी दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाता होगा. इंस्टॉल होना और जानकारी इकट्ठी करना काफी आसान है. जो सबसे खतरनाक है, वो ये है कि इसके लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं भेजा जाता और यूजर से कोई इजाजत नहीं ली जाती.'

रिसर्चर्स ने कहा, 'हालांकि यह स्टडी एंड्रॉयड फोन पर किए गए, लेकिन हम कैसे भरोसा कर लें कि बाकी ऑपरेटिंग सिस्टम कम खतरनाक होंगे.'

'हेडेक: जर्नल ऑफ हेड एंड फेस पेन' में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि माइग्रेन दर्द का पता लगाने के लिए विकसित ऐप भी थर्ड पार्टी को जानकारियां भेजता है. ये भी निजता का हनन है, क्योंकि मेडिकल ऐप से थर्ड पार्टी को डेटा भेजने के संबंध में कुछ कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई है.

(इनपुट-आईएएनएस)

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