
दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने इन आरोपों का खंडन किया कि मोबाइल इंटरकनेक्शन यूसेज चार्ज IUC में कटौती के ट्राई के फैसले से केवल उसे ही फायदा होगा. कंपनी का कहना है कि वॉयस कॉल की लागत घटकर एक पैसे का कुछ भाग भर रह गया है और इसका फायदा ग्राहकों को होना चाहिए.
जियो ने इस मामले में नियामक ट्राई पर निशाना साधे जाने और IUC तय करने के लिए अपनाई गई पद्धति पर सवाल उठाये जाने पर खेद जताया है. कंपनी का कहना है कि पुरानी दूरसंचार कंपनियां इस मामले में आधारहीन आरोप लगा रही हैं. गौरतलब है ट्राई ने कल IUC दर को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया.
नियामक ने यह भी कहा है कि 1 जनवरी 2020 से इस शुल्क को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा. नियामक के इस फैसले को लेकर खासा विवाद हो रहा है. भारती एयरटेल और वोडाफोन ने नियामक के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इसका फायदा केवल एक कंपनी को होगा जबकि दूरसंचार उद्योग की वित्तिय हालत और बिगड़ेगी.
जियो के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है, नये IUC नियमों से किसी तरह के फायदे का कोई सवाल नहीं है क्योंकि उसने तो सारे फायदे पहले ही अपने ग्राहकों तक पहुंचा दिए हैं. हम किसी भी तरह के फायदे से इनकार करते हैं.