
लगभग एक दशक तक दिन दोगुनी-रात चौगुनी वृद्धि दर्ज करने वाला स्मार्टफोन बाजार अब नरमी की राह पर है. नये सर्वे के अनुसार 2007 में iPhone बाजार में आने के बाद पहली बार पिछले साल दुनिया में स्मार्टफोन की बिक्री घटी. इस साल के शुरुआती आंकड़ों में यह गिरावट जारी रहने का संकेत मिल रहा है.
विश्लेषकों का कहना है कि कई कारणों के चलते स्मार्टफोन बाजार की वृद्धि रुकती नजर आ रही है. इनमें से एक तो स्मार्टफोन में नये फीचरों का अभाव है, दूसरा लोग अब अपने स्मार्टफोन को लंबे समय तक रखने लगे हैं. इसके अलावा चीन जैसे प्रमुख बाजार में बिक्री का ठहराव भी इसकी एक वजह है.
टेक्नालिसिस रिसर्च के विश्लेषक बॉब ओडोनेल ने कहा,‘बाजार चरम पर पहुंच चुका है, यही सार है.’ उन्होंने कहा कि अब भी स्मार्टफोन बड़ा बाजार है लेकिन इसकी वृद्धि समाप्ति की ओर है. ‘इसे स्मार्टफोन की समाप्ति के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.’ सर्वे के अनुसार स्मार्टफोन बाजार में सैमसंग अब भी पहले नंबर पर है लेकिन ऐपल के साथ उसका अंतर घटा है. हुआवे तीसरे और शाओमी चौथे नंबर पर है.
क्या कहती है IDC की रिपोर्ट:
वहीं, इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (IDC) ने अपने एक शोध में कहा है कि लगातार दूसरे साल दुनियाभर में स्मार्टफोन का बाजार फिर सिकुड़ेगा और उसके बाद 2019 में या उसके बाद भी उसमें तेजी आएगी, क्योंकि भारत में स्मार्टफोन की मांग बढ़ रही है. IDC के विश्वव्यापी मोबाइल फोन ट्रैकर के आधार पर किए गए शोध में बताया गया है कि 2018 में स्मार्टफोन का शिपमेंट 2017 के 1.465 अरब यूनिट से घटकर 1.462 अरब यूनिट रहने का अनुमान है.
आईडीसी ने कहा है कि वर्ष 2019 से लेकर आने वाले समय में स्मार्टफोन के वैश्विक बाजार में करीब तीन फीसदी की वार्षिक वृद्धि होने की उम्मीद है और दुनियाभर में 2022 में 1.654 अरब यूनिट का शिपमेंट हो सकता है. वर्ष 2017 में बाजार में मंदी की मुख्य वजह चीन के स्मार्टफोन बाजार में सालाना 4.9 फीसदी की कमजोरी थी.
आईडीसी के अनुसार, वर्ष 2018 में चीन में स्मार्टफोन की मांग में 7.1 फीसदी की कमी आने की उम्मीद है, जबकि 2019 में स्थिरता बनी रहेगी. आईडीसी ने कहा कि एशिया में सबसे बड़ी तेजी भारत में आने की उम्मीद है, जहां 2018 में स्मार्टफोन बाजार में 14 फीसदी की वृद्धि रहने का अनुमान है. इसके बाद 2019 में 16 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है.
(इनपुट-एजेंसियां)