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दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने लंदन बेस्ड पॉपुलर कीबोर्ड एप Swiftkey' को 250 मिलियन डॉलर में खरीद लिया है. खबरों के मुताबिक यह डील कंपनी की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेवलपमेंट में बड़ा कदम साबित होगी.
अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्विफ्ट की के दोनों फाउंडर्स को इस डील से 30 मिलियन डॉलर का फायदा हुआ है. डील के मुताबिक अब स्विफ्ट की के कर्मचारी माइक्रोसॉफ्ट की टीम के साथ मिलकर काम करेंगे.
माइक्रोसॉफ्ट ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा है कि आने वाले महीनों में कंपनी 'स्विफ्ट की' टेक्नॉलोजी को विंडोज वर्ड फ्लो कीबोर्ड में शामिल करेगी. इससे यह भी साफ है कि अब स्विफ्ट की एप विंडोज स्मार्टफोन में भी देखने को मिल सकता है.
अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं और स्विफ्ट की एप यूज करते हैं तो घबराने की बात नहीं है क्योंकि यह एप एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए आगे भी उपलब्ध होगा. दिलचस्प बात यह है कि दुनिया भर में इसे 300 मिलियन यूजर्स यूज करते हैं पर ये विंडोज फोन के लिए उपलब्ध नहीं है. माइक्रोसॉफ्ट ने भी लोगों को विश्वास दिलाया है कि यह एंड्रॉयड और iOS के लिए बंद नहीं किया जाएगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड कीबोर्ड एप है Swiftkey
जो लोग Swiftkey से अनजान हैं, उन्हें बता दें कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड वर्चुअल कीबोर्ड एप है. यह यूजर्स के टाइप करने के पैटर्न को नोट करता है और उसके मुताबिक आगे लिखे जाने वाले टेक्स्ट का अनुमान लगा कर शब्द सुझाता है. इसके अलावा इसमें और कई फीचर्स दिए गए हैं जो एंड्रॉयड और iOS में चैटिंग को काफी दिलचस्प बनाते हैं.