
गूगल प्ले स्टोर आए दिन चर्चा में रहता है. ज्यादातर पर गलत वजहों से खबर बनती है. खतरनाक ऐप्स, स्कैम और मैलवेयर वाले ऐप्स इस पर अपलोड कर दिए जाते हैं और ये यूजर्स के लिए सर दर्द का कारण बनता ह. एक बार फिर से एक ऐसी ही रिपोर्ट है. दो साल तक चली एक स्टडी में पाया गया है कि गूगल प्ले स्टोर पर 2 हजार से ज्यादा ऐप्स नुकसानदेह हैं.
इनमें से कुछ ऐप्स को जरूरत से ज्यादा परमिशन्स की जरूरत होती है, जबकि इनमें से कुछ पूरी तरह से मैलवेयर हैं. ये रिपोर्ट युनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और CSIRO के Data61 के हवाले से है. गौरतलब है कि इस रिसर्च में 10 लाख गूगल प्ले के प्स को शामिल किया गया है. इस रिसर्च में भारी मात्रा में प्ले स्टोर पर मैलवेयर वाले ऐप्स और फर्जी ऐप्स मिले हैं.
ऐसे ऐप्स जिन्हें लोकेशन की जरूरत नहीं होती वो भी लोकेशन ऐक्सेस करते हैं. इस तरह के ऐप्स भी मिले हैं. लोकेशन तो एक उदाहरण है, कई ऐप्स पाए गए हैं जिन्हें जिस परमिशन की जरूरत नहीं होती है वो भी वो ऐप्स ऐक्सेस कर रहे होते है.
Temple Run और Hill Climb Racing काफी पॉपुलर गेम हैं ये भी इन ऐप्स में शामिल हैं जो जरूरत से ज्यादा परमिशन लेते हैं. आपके स्मार्टफोन से ज्यादा परमिशन लेना सीधा इस बात की ओर इशारा करता है कि डेवेलपर आपके डेटा में सेंध लगा सकता है.रिसर्चर्स ने 10 मिलियन ऐप्स को प्रॉसेस करने के लिए न्यूरल नेटवर्क और मशीन लर्निंग का सहारा लेने का दावा किया है. इस ऐल्गोरिद्म को एक तरह के टेस्क्ट डेस्क्रिप्शन और एक तरह के आइकॉन वाले ऐप्स को पहचानने के लिए तैयार किया गया था जो प्ले स्टोर के 10 हजार पॉपुलर ऐप्स से मिलते जुलते हैं.
इस रिसर्च में टोटल 7246 ऐप्स को खतरनाक मार्क किया गया और इनमें से 2040 ऐप्स को फेक और हाई रिस्क वाला बताया गया. इनमें से 1565 ऐप्स कम से कम पांच संवेदनशील परमिशन की मांग करते हैं.
अच्छी बात ये है कि ये ऐप्स ऐप स्टोर से हटा दिए गए हैं और गूगल के मुताबिक अब ऐप सबमिशन के लिए रिजेक्ट करने का प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. मतलब ये की गूगल प्ले स्टोर को सिक्योर बनाने के लिए अप कंपनी सेलेक्टिव ऐप्स को इजाजत देती है