
अब तक आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों के बारे में सुना होगा. आए दिन खबरें आती हैं कि AI से जीवन आसान हो रही है और यह आपके जरूरी काम का हो सकता है. आपके लिए यह पर्सलनल असिस्टेंट के तौर पर काम कर सकता है. इसके अलावा भी कई चीजों में इसके फायदे हैं. लेकिन सिर्फ फायदे ही नहीं, बल्कि इसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं.
IBM रिसर्च के रिसरचर्स ने ऐसे ही खतरे को डेमोंस्ट्रेट किया है. इसे डीप लॉकर का नाम दिया गया है जो एक अटैक टूल है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है.
IBM रिसर्चर के मुताबिक डीप लॉकर फेशियल रिकॉग्निशन और वॉयस रिकॉग्निशन का इस्तेमाल करते हुए किसी भी रडार के पकड़ में नहीं आता है और सीधे टार्गेट को अटैक करता है. इसका न पकड़ा जाना ही इसकी खासियत है. रिसरचर्स के मुताबिक यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर में घुस सकता है ताकि ज्यादा एंटी वायरस इसे डिटेक्ट न कर सकें. यहां तक मैलवेयर स्कैनर भी इसे डिटेक्ट नहीं कर सकते.
रिसर्चर ने कहा है, ‘वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप्स लाखों लोग डाउनलोड करते हैं. ऐप लॉन्च करते ही इस ऐप में छिपा मैलवेयर आपकी तस्वीर क्लिक फीड कर लेता है और नॉर्मल बिहेव करता है, लेकिन अगर आप टार्गेट हैं तो आपके सिस्टम पर अटैक करेगा’
कुल मिलाकर कहा जाए तो ये अलग तरह की परेशानी है जो साइबर सिक्योरिटी के लिए सरदर्द हो बन सकता है. क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जितने अच्छे से आपका काम आसान कर सकता है वैस ही उल्टा भी हो सकता है.