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ई-बाइक हो सकती है हैक, डेटा लीक का भी खतरा

e-Bike हैक हो सकता है. हैकर्स गलत इरादे से डेटा इंटरसेप्ट कर सकते हैं. रिसर्चर्स ने कहा है कि अब कंपनियों को इसके बारे में भी सोचना होगा.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST

इलेक्ट्रिक बाइक और इलेक्ट्रिक कार पर फिलहाल ज्यादा जोर दिया जा रहा है. फ्यूचर के लिहाज से ई व्हीकल को ऑप्शन के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन अब एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आ रही है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि  ई-स्कूटर्स को हैक किया जा सकता है.  युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस ऐट सैन एंटोनियो (USTA) के रिसर्चर्स ने एक रिसर्च में ई-सक्टूर्स के रिस्क के बारे में बपताया है.

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इसी युनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा है कि माइक्रोमोबिलिटी व्हीकर्स के वैंडर्स पर DDoS (डिनायल ऑफर सर्विस) अटैक किया जा सकता है और डेटा लीक भी हो सकते हैं.

इस यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एक्सपर्ट ने फर्स्ट रिव्यू पेपर पब्लिश किया है जिसमें E-SCOOTER के प्राइवेसी रिस्क के बारे में बताया गया है.

गौरतलब है कि समस्या e Scooters में दिए सॉफ्टवेयर और ऐप्लिकेशन की है जिसे हैक किया जा सकता है.

डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर मुर्तजा जदलिवाला ने कहा है, 'हम माइक्रोमोबिलिटी व्हीकल के संभावित रिक्स की जांच कर रहे हैं. इस स्टडी में हमने पाया है कि सेफ्टी कंसर्न के अलावा यहां साइबर सिक्योरिटी और प्राइवेसी रिस्क भी है.  

दरअसल e Scooter के कुछ मॉडल्स में फीचर होता है जिससे यूजर्स इसे अपने स्मार्टफोन से कनेक्ट कर सकते हैं. इसके लिए लो एनर्जी ब्लूटूथ चैनल का इस्तेमाल किया जाता है. किसी गलत इरादे से इस चैनल का यूज करके राइडर और स्कूटर के बीच का डेटा इंटरसेप्ट किया जा सकता है. 

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इस तरह का डेटा इंटरसेप्ट करने के लिए  किसी हाई लेवल हैकिंग की जरूरत नहीं होती, बल्कि टूल से भी ऐसा किया जा सकता है.   

रिसर्चर का कहना शहरों में पॉपुलेशन तेजी से बढ़ रहा है और माइक्रोमोबिलिटी से ट्रांसपोर्ट को बेहतर, तेज और सस्ता बनाया जा रहा है.

रिसर्चर ने ये भी कहा है कि इस इंडस्ट्री को न सिर्फ राइडर्स और पेडेस्ट्रियन सेफ्टी के बारे में सोचना होगा, बल्कि उन्हें ये भी ध्यान रखना होगा कि साइबर सिक्योरिटी और प्राइवेसी के खतरे यूजर्स को नहों.  

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