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फायरफॉक्स और सफारी ब्राउजर्स Fb और गूगल की ट्रैकिंग से बचा सकते हैं

ऑनलाइन ट्रैकिंग कोई नई बात नहीं है. मानी हुई बात है कि ज्यादातर वेबसाइट्स कूकीज के जरिए यूजर्स को ट्रैक करती हैं. इनमें फेसबुक और गूगल जैसी बड़ी कंपनिां भी शामिल हैं.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

ऑनलाइन कंपनियां यूजर्स को कई तरह से ट्रैक करती हैं. इनमें गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां हैं जो यूजर्स की परमिशन से उनकी ऐक्टिविटी ट्रैक करती हैं. इन ऐक्टिविटी में ब्राउजिंग बिहेवियर भी शामिल हैं. इस तरह की ट्रैकिंग से बचने के लिए सफारी और फायरफॉक्स के पास आपके लिए उपाय है.

ऐपल का वेब ब्राउजर सफारी और मोजिला फायरफॉक्स में दिया गया ये प्रोटेक्शन कंपनियों को  कूकी डेटा के जरिए यूजर्स के बिहेवियर ट्रैक करने से रोकेगा. सफारी ने ये प्रोटेक्शन ऑटोमैटिक अपडेट के साथ देने का फैसला किया है. आने वाले कुछ दिनों में नए अपडेट के साथ ही ये फीचर मिलना शुरू होगा.

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गौरतलब है कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा गूगल क्रोम ब्राउजर यूज किया जाता है जिसमें ये फीचर नहीं दिया गया है. हालांकि सफारी और फायरफॉक्स से भी आप पूरी तरह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे गूगल और फेसबुक के ट्रैकिंग से नहीं बच सकते हैं. लेकिन फोन के लिए डेटा सिक्योरिटी टूल बनाने वाले मोबाइल सिक्योरिटी एक्सपर्ट का कहना है कि बिना प्रोटेक्शन वाले ब्राउजर यूज करने से अच्छा है आप उन ब्राउजर्स को यूज करें जिनमें थोड़ी प्रोटेक्शन हो.

ज्यादातर वेबसाइट्स यूजर्स को कूकीज के जरिए ट्रैक करती हैं. इस तरह की ट्रैकिंग आपसे जुड़ी वो जानकारियां शामिल होती हैं जहां से उन्हें ये पता चलता है कि आप कौन हैं. इस आधार पर कंपनियां यूजर्स की डिजिटल प्रोफाइल बनाती हैं और बिहेवियर का ट्रैक रखती हैं.

दुनिया की नंबर-1 टेक कंपनी ऐपल के मुताबिक टेस्ट में यह पाया गया है कि कुछ पॉपुलर वेबसाइट्स 70 फीसदी से ज्यादा ट्रैकर से से लैस होते हैं. इनमें से फेसबुक और गूगल भी शामिल हैं.  

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