
Mobile World Congress 2019 के दूसरे दिन बार्सिलोना में टेलीकॉम रेग्यूलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन आर. एस. शर्मा भी आए. उन्होंने इस दौरान Trubloq लॉन्च किया है.
क्या है Trubloq?
Trubloq ट्राई के रेग्यूलेशन के तहत तैयार किया गया पहला टेलीकॉम स्ल्यूशन है जिसे बिल्ट इन डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नॉलजी पर बनाया गया है. इस टेक्नॉलजी को अपनानी वाली वोडाफोन पहली कंपनी होगी.
इंडियन क्लाउड कम्यूनिकेशन बेस्ड कंपनी टानला सल्यूशन ने Trubloq का ऐलान किया है. ये एक तरह का ब्लॉकचेन एनेबल्ड कमर्शियल कम्यूनिकेशन स्टैक है जिसे टेलीकॉम सेक्टर के लिए तैयार किया गया है. इसे कंपनी ने ट्राई के रेग्यूलेशन के तहत तैयार किया है.
मोटे तौर पर कहें तो एंड यूजर यानी आपको इस टेक्नॉलजी का फायदा मिल सकता है. दावा किया जाता है कि इस सल्यूशन से टेलीकॉम कंपनियां फ्रॉड ऐक्टिविटीज को खत्म कर सकती हैं और कस्टमर्स को स्पैम से बचा सकती है. इतना ही नहीं ये यूजर के डेटा प्राइवेसी के लिए भी फायदेमंद होगा.
लॉन्च के दौरान टानला के सीएमडी उदर रेड्डी ने कहा है, “ट्रूब्लॉक टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए एक ग्राउंड ब्रेकिंग इनोवेशन है. इसे टानला के ब्लॉकचेन बेस्ड कम्यूनेकेशन से तैयार किया गया है. ये इनोवेशन शायद दुनिया सबसे बड़ा ब्लॉकचेन यूज का उदाहरण है. हमें इस बात को लेकर कॉन्फिडेंट हैं कि इससे अरबों मोबाइल यूजर्स को एम्पावर कर सकते हैं और यह पूरी तरह से मेड इन इंडिया है और ये डिजिटल इंडिया के तहत भी है.
फिलहाल इसका यूजकेस क्या है इसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. फ्रॉड कॉल्स, मैसेज और स्पैम से बचने के लिए यह सटीक है या नहीं आने वाले समय में पता चलेगा. फिलहाल स्थिति ऐसी है कि अगर आप अपने फोन पर डू नॉट डिस्टर्ब की सर्विस भी ऑन रखते हैं तो भी ये गारंटी नहीं की आपको पास मार्केटिंग के लिए कॉल्स नहीं आएंगी.
अब कंपनियां पर्सनल पर्सनल नंबर्स से लोगों को कॉल कराती हैं, ताकि ऐसा लगा कि उनका कोई जानने वाला ही कॉल कर रहा है. अगर ये टेक्नॉलजी इस तरह की चीजें रोकने में कामयाब होती है वाकाई एक आम यूजर्स के लिए ये एक अच्छी खबर है.