
टेक्नॉलोजी दिग्गज ऐपल भारत में अपने प्रोडक्ट्स बनाने को लेकर सरकार से बातचीत कर रही है. न्यूज एजेंसी दी वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक आला अधिकारियों ने कहा है, 'ऐपल अपने चीन के मॉडल के भारत लाना चाहता है और इसके लिए भारत से फाइनांशिल इंसेटिव की जरूरत है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ऐपल की इस अर्जी पर काम कर रही है, हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि भारत में ऐपल के कौन से प्रोडक्ट्स बनेंगे. एजेंसी के मुताबिक ऐपल ने नवंबर महीने में सरकार को पत्र लिखकर अपने प्लान के बारे में बताया है.
भारत के अलावा कंपनी अपना प्लांट अमेरिका में भी लगाने की तैयारी में है. ऐसा एक रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा है. इसके मुताबिक ऐपल के लिए प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन को अमेरिका में कॉस्ट इफेक्टिव तरीके से प्रोडक्ट बनाने को लेकर प्लान तैयार करने को कहा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही कहा है कि वो प्रेसिडेंट बनने के बाद ऐपल से प्रोडक्ट्स अमेरिका में ही बनाने को कहेंगे.
इतना ही नहीं उन्होंने हाल ही में ट्वीट करके यह भी कहा है कि जो अमेरिकी कंपनियां अमेरिका छोड़ कर दूसरे देशों में सामान बनाएंगी और उसे फिर से अमेरिका में ही बेचेंगी उनप 33 फीसदी ज्यादा टैक्स लगाए जाएंगे. ऐसे में इन दिनों ऐपल जैसी कंपनियों को मुश्किल हो रही है, क्योंकि ऐपल प्रोडक्ट्स चीन में ज्यादातर बनाता है जहां सस्ते मजदूर हैं.
चीन के बाद अब ऐपल के भारत के तरफ रूख करने के कई कारण हैं. भारत ऐपल के लिए उतना बड़ा बाजार तो नहीं, लेकिन धीरे धीरे मार्केट शेयर के मामले में देश में आईफोन की पकड़ बढ़ रही है. हालांकि इसकी वजह सस्ते मजदूर और प्रदूषण भी हैं.
चीन के बाद इसलिए भारत की तरफ ऐपल का रूख
- सस्ते और स्किल्ड मजदूर यहां ऐपल को आसानी से मिलेंगे
- ऐपल को यहां से प्रोडक्ट्स निर्यात करने में आसानी होगी
- लोकल प्लांट के बाद ऐपल को अपना ऐपल स्टोर भारत में खोलने में मदद मिलेगी. फिलहाल भारत के स्मार्टफोन बाजार में iPhone सिर्फ 2 फीसदी ही हैं.
- पॉल्यूशन के मामले पर अमेरिका के नियम सख्त हैं, लेकिन बात चीन और भारत की हो तो कंपनियां यहां प्लांट से निकले गए कचरे को डंपिंग प्लेस बनाना अच्छी तरह जानती हैं.
- मेक इन इंडिया के तहत ऐपल को यहां प्लांट सेटअप करने में जाहिर है सरकार से बड़ी मदद मिल सकती है.
- 2006 से चेन्नई में फॉक्सकॉन का प्लांट था जिसे 2014 में बंद कर दिया गया. कंपनी को पहले से अंदाजा है.
- फॉक्सकॉन ने महाराष्ट्र सरकार के साथ 5 साल में 5 बिलियन निवेश करने का करार किया है. इसके अलावा कंपनी ने अपने प्लांट में शाओमी, वन प्लस और जियोनी के प्रोडक्ट्स बनाने भी शुरू किए हैं. मतलब ये कि ऐपल को भारत में अपना खास प्लांट सेटअप के लिए ज्यादा मशक्कत भी नहीं करनी होगी.