
रिलायंस जियो के ऑफर्स पर पर पहले से ही TRAI में शिकायतें हो चुकी हैं. मामला कोर्ट तक गया है और अभी भी सुनवाई चल ही रही है. इसी बीच जियो ने प्राइम सर्विस के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है. आपको बता दें कि 31 मार्च से हैपी न्यू ईयर ऑफर खत्म हो रहा है.
इसी बीच टेलीकॉम सेकरेटरी जेएस दीपक ने TRAI को प्रोमोशनल ऑफर्स की अवधि को कम करने के लिए लिखा है. गौरतलब है कि जेएस दीपक को भारत की तरफ से वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन का स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर न्यूक्त किया गया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जेएस दीपक ने TRAI से कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले 90 दिनों वाले प्रोमोशनल ऑफर्स की अवधि को कम करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि ऐसे ऑफर्स से सरकार के रेवेन्यू से लगभग 800 करोड़ रुपये लगे हैं और इनसे टेलीकॉम इंडस्ट्री पर भी प्रभाव पड़ा है.
जेएस दीपक ने अपने लेटर में लिखा है, ‘टेलीकॉम सेक्टर और सरकार के रेवेन्यू के हित में टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ पर जल्द से जल्द पुनर्विचार और रीव्यू करने की जरूरत है’
TRAI को लिखे इस लेटर में उन्होंने यह भी बताया है कि टेलीकॉम लाइसेंस फीस में सरकार का रेवेन्यू कैसे गिरा है. जून में 3975 करोड़ रुपये थी जबकि मौजूदा वित्त वर्ष के दिसंबर में यह 3185 करोड़ रुपये हो गई.
गौरतलब है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला टैरिफ पर अंतिम फैसला ट्राई का होता है, टेलीकॉम मंत्रालय का नहीं.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो के लगातार प्रोमोशनल ऑफर्स से भारती एयरटेल की कमाई में लगभग 55 फीसदी की गिरावट हुई है जबकि आईडिया को 2007 से पहली बार नुकसान का सामना पड़ा है.
हाल ही में टेलीकॉम कमीशन ने इंडस्ट्री के फिनैंशियल ग्रोथ के लिए TRAI से प्रोमोशनल मोबाइल टैरिफ के मौजूदा नियमों को फिर से रीव्यू करने को कहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक रेटिंग और रिसर्च के अनुसार रिलायंस जियो के फ्री ऑफर्स की वजह से टेलीकॉम इंडस्ट्री के रेवेन्यू में 20 फीसदी का घाटा हुआ है.