Advertisement

क्या सिर्फ Jio के फायदे के लिए है TRAI का IUC पर फैसला?

रेटिंग एजेंसियों और विश्लेषकों ने आज कहा कि मोबाइल इंटरक्नेक्शन यूसेज चार्ज (IUC) में कटौती के ट्राई के फैसले से पुरानी दूरसंचार कंपनियों की आय पर नकारात्मक असर पड़ेगा. जबकि नई कंपनी रिलायंस जियो को फायदा होगा.

क्या ट्राई के फैसले से सिर्फ जियो को होगा फायदा क्या ट्राई के फैसले से सिर्फ जियो को होगा फायदा
साकेत सिंह बघेल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:05 PM IST

रेटिंग एजेंसियों और विश्लेषकों ने आज कहा कि मोबाइल इंटरक्नेक्शन यूसेज चार्ज (IUC) में कटौती के ट्राई के फैसले से पुरानी दूरसंचार कंपनियों की आय पर नकारात्मक असर पड़ेगा. जबकि नई कंपनी रिलायंस जियो को फायदा होगा. हालांकि दूरसंचार नियामक ट्राई ने इस फैसले में पक्षपात के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका फैसला वैज्ञानिक गणना पर आधारित है और इससे एक कंपनी को फायदा या दूसरी को नुकसान का सवाल ही नहीं उठता.

Advertisement

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि ट्राई के इस फैसले का बड़ी पुरानी कंपनियों को फौरी नुकासन होगा और प्रोसेस में रिलायंस जियो फायदे में रहेगी. इसी तरह ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि इंटरक्नेक्शन यूसेज चार्ज में कटौती से मौजूदा दूरसंचार कंपनियों से हर साल 60 करोड़ डॉलर तक की राशि नई कंपनी रिलायंस जियो को जाएगी.

फर्म के अनुसार इन हालात में रिलायंस जियो अपेक्षा से पहले ही लाभ की स्थिति में आएगी. इसके साथ ही फर्म का कहना है कि भारती एयरटेल, आइडिया सेल्यूलर और वोडाफोन जैसी पुरानी कंपनियों का शुद्ध लाभ मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में 3-6 प्रतिशत घटेगा.

ट्राई ने कल IUC को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया. ट्राई ने यह भी कहा है कि 1 जनवरी 2020 से इस शुल्क को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा. नियामक के इस फैसले को लेकर खासा विवाद हो रहा है. भारती एयरटेल और वोडाफोन ने नियामक के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इसका फायदा केवल एक कंपनी को होगा जबकि टेलीकॉम  इंडस्ट्री की वित्तीय हालत और बिगड़ेगी.

Advertisement

उधर दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने मोबाइल IUC में कटौती के अपने फैसले में अपारदर्शिता के आरोपों को खारिज करते हुए आज कहा कि लागत की गणना वस्तुनिष्ठ और वैज्ञानिक तरीके से की गई है जिसमें किसी कंपनी विशेष की मदद करने या नुकसान पहुंचाने का सवाल ही नहीं उठता.

ऐसा माना जाता है कि पुरानी कंपनियां ट्राई के इस फैसले को अदालत में चुनौती देने पर विचार कर रही हैं. इक्रा का कहना है कि ट्राई के इस फैसले से आईयूसी के रूप में रिलायंस जियो को काफी बचत हो सकती है जिसका भुगतान वह अन्य कंपनियों को करती है.

फिच का कहना है कि IUC में कटौती और प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण भारती एयरटेल का कारोबार और टैक्स पूर्व लाभ 5 प्रतिशत तक घट सकता है. ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि ट्राई के फैसले से पुरानी कंपनियों के टैक्स पूर्व लाभ पर वित्त वर्ष 2018 में 3-5 प्रतिशत का असर होगा. यह नुकसान वित्त वर्ष 2019 में 6-10 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020 में 7-12 प्रतिशत रहना अनुमानित है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement