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मोबाइल इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी, जानिए मोबाइल कंपनियों का क्या है कहना

इस बजट में मोबाइल इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी में इजाफा किया गया है. इसके कई मायने हैं पहला ये की इससे चुनिंदा स्मार्टफोन महंगे होंगे जबकि भारत में स्मार्टफोन बनाने को बढ़ावा मिलेगा. जानिए मोबाइल कंपनियों ने इस बजट के बाद क्या कहा है.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:53 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश कर दिया है. स्मार्टफोन यूजर्स के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं रहा. अरुण जेटली ने बजट के दौरान कहा है कि इंपोर्टेड मोबाइल पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फसीदी कर दी गई है. मतलब ये है कि भारत में बने हुए मोबाइल तो ज्यादा महंगे हो होंगे, लेकिन दूसरे देशों से आयात किए गए मोबाइल फोन की कीमतें बढ़ जाएंगी.

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बजट भाषण खत्म होते ही मोबाइल कंपनियों के प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.

नोकिया स्मार्टफोन बनाने वाली फिनलैंड की कंपनी एचएमडी ग्लोबल इंडिया वाइस प्रेसिडेंट अजय मेहता ने कहा है, ‘पीएम मोदी के मेक इन इंडिया कैंपेन पर एचएमडी ग्लोबल आगे भी काम मजबूती से करना जारी रखेगा. मोबाइल फोन्स के लिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा कर 15 से 20 फीसदी कर दी गई है, यह फैसला हमारे बिजनेस पर कम असर डालेगा , क्योंकि अभी नोकिया फोन्स के सभी मॉडल्स भारत में ही बनाए जा रहे हैं.’

चीनी स्मार्टफोन मेकर कूलपैड इंडिया के सीईओ सैयद ताजुद्दीन ने इस बजट के बाद कहा है, ‘यह बजट मिक्स्ड है और इसमें कोई भी ऐसी चीज नहीं है जिसे खास कहा जा सके कि इससे भारत में उत्पादन क्षेत्र को बूस्ट कर सके. ऐग्रिकल्चर और रूरल इकॉनमी के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन मोबाइल हैंडसेट इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर नहीं है.

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कूलपैड के सीईओ आगे कहते हैं, ‘कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी किया जाना कस्टमर पर एक बोझ जैसा होगा, खास कर तब जब हाई एंड स्मार्टफोन्स को रिपेयर कराने जाएंगे’

उन्होंने यह भी कहा है कि कस्टम ड्यूटी में बढ़त की वजह से ज्यादा कंपनियों पर अपने हैंडसेट भारत में बनाएंगे और ऐसेंबल करने का दबाव होगा, लेकिन लोकल इकॉसिस्टम में उत्पादन के स्पेयर पार्ट्स का बेहतर सपोर्ट नहीं है.’

कुल मिला कर कूलपैड का मानना है कि इसका सीधा असर कस्टमर्स की जेब पर पड़ेगा चाहे वो मोबाइल खरीदने में हो या उसे रिपेयर कराने में हो.

स्वदेशी मोबाइल फोन मेकर इंटेक्स के सीएफओ राजीव जैन ने कहा है, ‘यह बजट स्वदेशी बिजनेस के लिए बेहतर है. इंटेक्स को टियर 2 और 3 शहरों के लिए कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बनाने के लिए जाना जाता है और अब इस बजट के बाद इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की डिमांड भी बढ़ेगी’

राजीव जैन ने कस्टमर ड्यूटी बढ़ने पर कहा है, ‘मेक इन इंडिया के लिए कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जाने वाला कदम स्वागत योग्य है. इससे भारत में प्लांट सेटअप और यहां उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. यह इंटेक्स जैसे स्वदेश कंपनियों के लिए शानदार है जो काफी पहले से ही यहां उत्पादन करते आए हैं’

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स्वदेशी स्मार्टफोन निर्माता स्मार्ट्रॉन के फाउंड र और चेयरमैन महेश लिंगारेड्डी ने इस बजट की प्रतिक्रिया के तौर पर कहा है, ‘ मोबाइल फोन पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी लोकल उत्पादन के लिए अच्छी पहल है और इससे भारत में इनोवेशन को भी मदद मिलेगी.’  

चीनी स्मार्टफोन मेकर वन प्लस इंडिया के जनरल मैनेजर विकास अग्रवाल ने कहा है, ‘3 साल पहले मेक इन इंडिया प्रोग्राम के ऐलान के बाद से 85 फीसदी भारत में बेचे गए स्मार्टफोन्स भारत में ही बनाए गए हैं. इसलिए अब समय है कि ऐसे रेग्यूलेशन बनाए जाएं जिससे उत्पादन क्षेत्र में निवेश के लिए कंपनियों को आकर्षित किया जा सके. फिलहाल वन प्लस के सभी स्मार्टफोन भारत में ही बनाए जाते हैं, इसलिए हम पहले से लोकल उत्पादन में शेयर बढ़ाने का काम कर रहे हैं ताकि नए रेग्यूलेशन से कस्टमर्स को कम से कम असर पड़े’

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