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बुलेट ट्रेन से भी फास्ट Hyperloop, मुंबई से पुणे 35 मिनट में ट्रैवल संभव

Virgin Hyperloop One सच्चाई बनने वाला है. हाई स्पीड ट्रैवल इससे मुमकिन हो सकेगा और ये बुलेट ट्रेन से भी फास्ट है. प्रोजेक्ट सक्सेस हुआ तो भारत दुनिया का पहला देश होगा जहां पैसेंजर Hyperloop System होगा. 

Virgin Hyperloop One Virgin Hyperloop One
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 4:44 PM IST

Hyperloop प्रोजेक्ट भारत में जल्द ही हकीकत होने वाला है. Hyperloop One प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है और इसके जरिए लंबी दूरी मिनटों में तय की जा सकेगी. Hyperloop सिस्टम में ट्यूब की सीरीज होती है और इसमें बिना किसी फ्रिक्शन या हवा की रुकावट के तेजी से ट्रैवल कर पाना मुमकिन है. इसमें लोगों को बैठने के लिए पॉड्स होते हैं. काफी समय से इसकी टेस्टिंग की जा रही है और भारत में भी इसे लाने का प्लान है. 

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हालांकि अब तक कहीं भी पूरी तरह से काम करने वाला Hyperloop नहीं है, लेकिन जल्द ही आ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक अभी काफी मुश्किलें भी हैं और ये सुनिश्चित करना भी बाकी है कि ये लोगों के लिए कितना सेफ होगा. Virgin Hyperloop को यकीन है कि ये प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के एक जिले में इसके लिए डील लगभग फाइनल होने वाली है.

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई और पुणे के बीच Hyperloop प्रोजेक्ट के लिए हरी झंडी दे दी है. 200 किलोमीटर की दूरी है. Hyperloop से 200 किलोमीटर की दूरी 35 मिनट में पूरी किए जाने का अनुमान है. फिलहाल मुंबई से पुणे 3.5 घंटे लगते हैं.

Virgin Hyperloop One के सीईओ Jay Walder ने कहा है, 'इतिहास बनाया जा रहा है. ये रेस दुनिया में पहले Hyperloop One ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के लिए है और आज किया गया ऐलान भारत को इसमें आगे करता है. ये जनता तक Hyperloop पहुंचाने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है’

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उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार 2019 के आखिर में Virgin Hyperloop One को कॉन्ट्रैक्ट दे सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इस प्रोजेक्ट का Phase 1 में 11.8 किलोमीटर का सेक्शन 2020 में शुरू किया जा सकता है.  Phase 1 के डेवेलपमेंट को 500 मिलियन डॉलर में पूरा किया जा सकता है.

Virgin Hyperloop One इंडिया और मिडिल ईस्ट मैनेजिंग डायरेक्टर के मुताबिक कमर्शियल तौर पर लॉन्च होने के बाद Pune- Mumbai कॉरिडोर को एक बड़े इकॉनमिक में तब्दील किया जा सकेगा.  

गौरतलब है कि इससे पहले भी Hyperloop को लेकर भारत में बातचीत हो चुकी है. Space X और Tesla के CEO Elon Musk ने काफी पहले ही इसका प्लान बताया है.

क्या है Hyperloop

Hyperloop ट्रांस्पोर्टेशन का एक मीडियम है जिससे फास्ट ट्रैवल मुमकिन है. इसमें सील्ड ट्यूब्स होती हैं जिसके जरिए पॉड बिना किसी फ्रिक्शन और एयर रेजिस्टेंस के मूव कर सकते हैं. इस पॉड में लोगों को बैठाया जा सकता है. 2012 में Elon Musk ने इस तरह का कॉन्सेप्ट लाया.

Virgin Hyperloop One की बात करें तो इसकी एक टेस्ट फैसिलिटी लास वेगस के पास एक रेगिस्तान में है जहां इसकी टेस्टिंग की जाती है. टेस्ट के दौरान एयरलेस ट्यूब को 370km/h की स्पीड से मूव कराया जाता है. हालांकि ये Hyperloop के थ्योरेटिकल मैक्स स्पीड से काफी कम है जो 1126km/h की है. हालांकि कंपनी का कहना है कि इसके लिए उन्हें 2,000 मीटर का एडिशनल ट्रैक चाहिए जिस पर इसकी टेस्टिंग हो सके.  

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