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WhatsApp ने एक महीने में 20 लाख अकाउंट्स डिलीट किए

WhatsApp ने लाखों अकाउंट्स बैन किए हैं. इसकी वजह गलत बिहेवियर, स्पैम और फेक न्यज हैं. लगातर इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया जाता है.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp का दावा है कि फेक न्यूज से निपटने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. नई दिल्ली में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी कंपनी फेसबुक की सहयोगी कंपनी WhatsApp ने कहा है कि कंपनी ने मशीन लर्निंग सिस्टम बनाया है. इस सिस्टम से उन अकाउंट्स को पकड़ा जाता है जो बल्क मैसेज करते हैं, अलग-अलग अकाउंट्स बनाते हैं और उनका बिहेवियर पॉलिसी के खिलाफ होता है. ऐसा करने का मकसद वॉट्सऐप पर गलत कॉन्टेंट शेयर करने से रोकना है.

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WhatsApp ने कहा है कि हर महीने 20 लाख वॉट्सऐप अकाउंट्स बैन किए गए हैं. मशीन लर्निंग के जरिए ऐसे अकाउंट्स को बैन किया जाता है. वॉट्सऐप के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मैट जोन्स ने कहा है कि मशीन लर्निंग सिस्टम काफी बेहतर हो गया है कुछ समय पहले तक 20 फीसदी बुरे अकाउंट्स को बैन कर दिया गया है.

वॉट्सऐप इंजीनियर के मुताबिक कंपनी वॉट्सऐप अकाउंट बैन करने के लिए कई फैक्टर्स देखती है. इनमें यूजर्स की आईपी अड्रेस और उस नंबर की ऑरिजिन कंट्री जिसके जरिए वॉट्सऐप अकाउंट बनाया गया है.  वॉट्सऐप के एक प्रवक्ता ने दावा किया है कि 20 लाख में से 70 फीसदी वॉट्सऐप अकाउंट एक महीने में बंद कर दिए गए. ये यूजर्स की रिपोर्ट के आधार पर थे और बैन करने में किसी ह्यूमन का हाथ नहीं था.

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आपको बता दें कि WhatsApp दुनिया का सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है और दुनिया भर में इसे 1.5 अरब से भी ज्यादा यूजर्स हैं. 

WhatsApp के एक स्टेटमेंट में कहा गया है, ‘दूसरे कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म की तरह ही वॉट्सऐप को भी कई बार लोग गलत यूज करने के लिए चलाते हैं. कुछ इस पर क्लिक बेट लिंक्स डिस्ट्रिब्यूट करते हैं जो लोगों की पर्सनल इनफॉर्मेशन कलेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया होता है. जबकि कुछ लोग इससे आईडिया प्रमोट करते हैं. ऑटोमैटिक और बल्क मैसेजिंग हमारी टर्म्स और सर्विस को वॉयलेट करते हैं और हमारी प्राथमिकता इस तरह के अब्यूज को रोकना है.’

WhatsApp ने यह बात भी मानी है कि इस प्लेटफॉर्म को ऐम्यूलेटर और मशीन द्वारा कंट्रोल किए गए अकाउंट्स से टार्गेट किया जाता है. इसका मकसद यूजर्स को स्पैम भेजना है. इससे निपटने के लिए कंपनी ने डिटेक्सन मैकेनिज्म तैयार किया है. उदाहरण के तौर पर इसके जरिए उन अकाउंट्स को आइडेंटिफाइ किया जाता है जो स्पैम करते हैं.

WhatsApp से जुड़ी दूसरी खबर की बात करें तो कंपनी ने आईओएस यूजर्स के लिए लॉक ऑप्शन दिया है. इस बायोमेट्रिक ऑथेन्टिकेशन फीचर के जरिए यूजर्स फेस आईडी और टच आईडी से वॉट्सऐप लॉक कर सकते हैं. फिलहाल ये फीचर एंड्रॉयड के लिए नहीं आया है.

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