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चुनाव से पहले WhatsApp की सख्ती, बिना सहमति ग्रुप में एंट्री नहीं, फैक्ट चेक के लिए नंबर जारी

WhatsApp ने फैक्ट चेक सर्विस लॉन्च की है. इसे कंपनी ने एक लोकल स्टार्टअप के साथ मिल कर लॉन्च किया है. एक नंबर जारी किया गया है जिस पर मैसेज करके फैक्ट चेक कर सकते हैं. इसके अलावा अब ग्रुप में किसी को जोड़ने से पहले इन्वाइट सिस्टम भी लाया जा रहा है. 

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

WhatsApp ने भारत में फैक्ट चेकिंग सर्विस लॉन्च की है. आम चुनाव जल्द होने वाले हैं और इससे पहले कंपनी ने ये कदम उठाया है. अगर आपको ऐसा लगता है कि WhatsApp पर फेक मैसेज आया है तो आप इसे Checkpoint Tipline पर भेज सकते हैं जो फेक मैसेज को वेरिफाई करेगी.

Checkpoint Tipline फैक्ट चेक करने वाली एक लोकल स्टार्टअप है जहां फर्जी खबरों का फैक्ट चेक किया जाएगा. जो फर्जी खबर होगी वहां False, Misleading या Disputed का लेबल दिया जाएगा. जबकि सही खबर पर True का लेबल मिलेगा.

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वॉट्सऐप ने ग्रुप इन्विटेशन सिस्टम भी शुरुआत किया है जिसके बारे में हमने पहले भी बताया है. इसके तहत बिना किसी के सहमती के किसी को आप ग्रुप में नहीं ऐड कर पाएंगे.

WhatsApp के इस नए फीचर के तहत आप 9643000888 नंबर पर कोई ऐसे मैसेज फॉरवर्ड कर सकते हैं जिस पर आपको शक है. टीम खबरों को वेरिफाई करेगी और सच या झूठ है ये बताएगी.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सऐप ने जो ये फैक्ट चेकिंग सर्विस लॉन्च की है इसे शुरुआती प्रॉब्लम आ सकती है. हमने भी फैक्ट चेक पर एक लिंक भेजा जिसके जवाब में कहा गया, ‘जुड़ने के लिए धन्यवाद लेकिन हम इसे आगे नहीं बढ़ा सकते हैं. रॉयटर्स के मुताबिक एक मैसेज के रिपोर्ट में दो घंटे तक कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला है.

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फैक्ट चेक पांच लैंग्वेज को सपोर्ट करता है – इंग्लिश, हिंदी, तेलुगू, बंगाली और मलयालम. टेक्स्ट, वीडिय और इमेज का वेरिफिकेशन किया जा सकता है.

गौरतलब है कि वॉट्सऐप फर्जी फोटो को चेक करने के लिए रिवर्स इमेज सर्च का भी फीचर देने की तैयारी कर रही है. हालांकि ये फीचर अभी टेस्टिंग के फेस में है और जल्द ही यूजर्स को दिया जा सकता है.

फेक न्यूज से बचने के लिए वॉट्सऐप ने बल्क मैसेज फॉरवर्ड पर भी लगाम लगाया है. अब एक साथ पांच लोगों को मैसेज फॉरवर्ड करने की लिमिट सेट कर दी गई है, ताकि फर्जी खबरों को फैलाया न जा सके.

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