
वैसे तो WhatsApp दुनिया भर में पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है, लेकिन भारत में ये दूसरे मुल्कों के मुकाबले ज्यादा पॉपुलर है. यूजर्स भी यहां काफी हैं. वॉट्सऐप से जुड़ी कोई भी खबर यहां के लोगों को प्रभावित करती है. अब एक खबर आ रही है कि अगर सरकार लगातार वॉट्सऐप पर कुछ खास बदलाव के लिए फोर्स करेगी तो कंपनी भारत से वापस जा सकती है.
दरअसल फेक न्यूज और अफवाह वॉट्सऐप के जरिए भारी मात्रा में वायरल किए जा रहे हैं. इसकी वजह से देश में मॉब लिंचिंग भी हो गई है. सरकार इसे रोकने के लिए वॉट्सऐप पर दबाव डाल रही है कि कंपनी ये पता लगाए कि फेक न्यूज और अफवाह कहां से फैलाए जा रहे हैं. लेकिन वॉट्सऐप अपनी पॉलिसी की वजह से ऐसा नहीं कर सकता है. वॉट्सऐप ने पहले ही ऐसा करने से मना कर दिया है.
दरअसल वॉट्सऐप के कम्यूनिकेशन हेड कार्ल वूंग ने एक स्टेटमेंट जारी किया है. न्यूज एजेंसी IANS को यह स्टेटमेंट दिया है. हालांकि इस बयान में भी उन्होंने ये नहीं कहा है कि वॉट्सऐप भारत से बंद होने जा रहा है. उनका बयान ये है, ‘सुझाए गए बदलाव मजबूत प्रिवेसी प्रोटेक्शन की वजह से संभव नहीं हैं. एंड टु एंड एनक्रिप्शन की वजह से ऐसा संभव नहीं है. यह अंजाजा नहीं लगाया जा सकता है कि आगे क्या आने वाला है.
कार्ल वूंग ने कहा है कि एंड टु एंड एन्क्रिप्शन फीचर के बिना WhatsApp पूरी तरह से एक नया प्रोडक्ट बन जाएगा. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा है कि इस रेग्यूलेशन के तहत वॉट्सऐप को री आर्किटेक्ट करना होगा, अगर ऐसा हुआ तो वॉट्सऐप जैसा अभी है वैसा नहीं रहेगा.
कुल मिला कर कार्ल वूंग का भी यही कहना है कि वॉट्सऐप के लिए सेंडर को ट्रेस करना असंभव है और वो ऐसा करना भी नहीं चाहती है. ऐसा करने से वॉट्सऐप के साथ आइडेंटिटी क्राइसिस हो सकती है. इन्होंने हालांकि कुछ नया नहीं कहा है, मैसेज का ऑरिजिन ट्रेस करने के बारे में वॉट्सऐप ने पहले भी इसी तरह की बात कही है.
एंड टु एंड एन्क्रिप्शन के फायदे यूजर्स को हैं, लेकिन इससे कुछ नुकसान लॉ इनफोर्समेंट एजेंसी को होता है. क्योंकि इसकी वजह से गलत जानकारियां, फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वाले पकड़ में नहीं आ सकते हैं. आईटी मिनिस्ट्री ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए गाइडलाइन प्रोपोज की है जिसमें इस तरह के मैसेज रोकने की कवायद है.
कुल मिला कर बात ये है कि वॉट्सऐप भारत से नहीं जाना वाला. क्योंकि कंपनी ने अभी इस बारे में कुछ भी नही कहा है. हमेशा से कंपनी का कहना है कि फेक न्यूज और अफवाहों के रोकने के लिए कंपनी कदम उठा रही है और इसके लिए अब मशीन लर्निंग सिस्टम भी तैयार कर लिया गया है.