
Yahoo एक ऐसी कंपनी है जो लगातार सुर्खियों में रही है. पिछले कुछ सालों से कंपनी हैकिंग के मामलों की वजह से चर्चा में रही है. 2013 में याहू पर बड़ा साइबर अटैक हुआ और डोमेन के लगभग सभी यूजर्स प्रभावित हुए. शुरुआत में याहू की तरफ से कहा गया कि अरबों याहू यूजर्स प्रभावित हुए हैं.
अब याहू ने यह साफ कर दिया है कि 2013 के डेटा ब्रीच में सभी अकाउंट प्रभावित हुए थे . कंपनी के मुताबिक नए इंटेलिजेंस से जानकारी मिली है कि साइबर अटैक में लगभग 3 अरब अकाउंट प्रभावित हुए थे. दिसंबर मे जब यह मामला समाने आया तब बताया गया कि 1 अरब अकाउंट इस सिक्योरिटी ब्रीच में प्रभावित हुए हैं.
कंपनी ने अपना बयान में कहा है, ‘फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ किए गए विश्लेषणों के आधार पर याहू को यह पता चला है कि अगस्त 2013 में याहू पर जितने अकाउंट थे वो सभी प्रभावित हुए थे’
इस साइबर अटैक के दौरान अकाउंट, पासवर्ड, फोन नंबर और बर्थ डेट जैसी संवेदनशील जानकारियां चोरी कर ली गईं.
याहू के बुरे दिन थमने के नाम नहीं ले रहे हैं, बिकने के बाद भी नहीं.
साल 2000 से शुरू हुए बूरे दिन
एक वक्त में इंटरनेट का पर्याय रही Yahoo कंपनी 2000 में गूगल और फेसबुक जैसी टेक कंपनियों से पिछड़ती नजर आई. इसके सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म की हालत पहले से खराब हो गई और सर्च इंजन और ईमेल सर्विस में इसे गूगल ने मात दे दी. इसके बात इस कंपनी का पिछड़ने का दौर लगातार चलता रहा.
नई जान फूंकने के लिए 2012 में मरीसा मेयर को बनया गया सीईओ
कंपनी में एक बार फिर से नई जान फूंकने के लिए 2012 में गूगल की एग्जक्यूटिव रहीं मरीसा मेयर को इसका सीईओ बनाया गय. लेकिन फेसबुक और गूगल के पॉपुलैरिटी के आगे वो इस कंपनी को दुबारा से पटरी पर लाने में नाकामयाब ही रहीं. फिलहाल इंटरनेट और ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग के मामले में गूगल और फेसबुक के मुकाबले याहू दूर दूर तक नहीं है. याहू का न्यूज कटेंट भी गूगल न्यूज के सामने फेल ही दिखा.
वेराइजन को होगा ये फायदा
माना जा रहा है कि वेराइजन ने याहू को इसके कंटेंट की वजह से खरीदा है. वेराइजन के सीईओ लोवेल मैकऐडम ने इस डील के बारे में कहा है कि इस अधिग्रहण के बाद याहू वेराइजन को ग्लोबल मोबाइल मीडिया कंपनी में पहले नंबर पर ले जा सकती है. इसके अलावा इससे डिजिटल एडवर्टाइजिग के जरिए हमें मुनाफा भी होगा.