आम तौर पर जो पेड ऐप्स होते हैं उनकी मेंबरशिप लेने के लिए आपको पैसे देने होते हैं. हफ्ते भर या दो दिन के लिए ये ऐप्स ट्रायल देते हैं.
ट्रायल खत्म होने के बाद यूजर के अकाउंट से पैसे काटे जाते हैं, लेकिन ट्रायल से पहले अगर आप कैंसिल करना चाहें तो इसे मैनुअली कर सकते हैं. हालांकि ऐसा भी होता है कि अगर आप उस ऐप को ट्रायल खत्म होने से पहले अपने मोबाइल से डिलीट कर देते हैं तो बिलिंग नहीं होती है.
रिपोर्ट के मुताबिक स्टोर पर कुछ ऐप्स हैं जिन्हें 100 मिलियन डिवाइस में इंस्टॉल किया गया है और इनमें गूगल प्ले स्टोर के टॉप और वैध पब्लिशर्स भी शामिल हैं. इससे पहले डेवेलपर्स एक साल तक का अमाउंट चार्ज करते थे, लेकिन बाद में इन्होंने मंथली पेमेंट सिस्टम कर दिया है.
कुल मिला कर बात ये है कि इस तरह के ऐप्स आपकी जेब खाली कर सकते हैं. अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर हैं तो आप इस तरह के ऐप्स के झांसे में आसानी से आ सकते हैं, लेकिन आपके पास बचने का भी तरीका है. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आप फ्री ट्रायल वाले ऐप्स को तरजीह न दें.
हमेशा की तरह हम आपको यह सलाह देते हैं कि किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले उसके पब्लिशर की जांच करें और टर्म्स एंड कंडीशन को समझने की कोशिश करें.