Facebook के स्वामित्व वाले फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम ने ये घोषणा की है कि अब कंपनी संदिग्ध अकाउंट्स से ID प्रूफ मांग सकती है. एक ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने कहा, 'अब हम किसी अकाउंट में संभावित संदेहास्पद एक्टिविटी का पैटर्न पाए जाने पर उस अकाउंट होल्डर से आइडेंटिटी प्रूफ करने की मांग कर सकते हैं. इसकी शुरुआत आज से ही की जा रही है.'
इंस्टाग्राम ने इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा है कि इस कदम को उठाए जाने का लक्ष्य ये है कि इससे प्लेटफॉर्म को बॉट्स और मिसलीडिंग यूजर्स से छुटकारा मिलेगा.
कंपनी के मुताबिक इस नई स्क्रीनिंग प्रक्रिया से केवल एक छोटी संख्या में यूजर्स प्रभावित होंगे. हालांकि, इंस्टाग्राम की ओर से शुरुआत आंकड़ों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है और ना ही किसी निश्चित रीजन का नाम बताया है, जहां से इसकी शुरुआत की जाएगी.
ऐसे अकाउंट्स की हो सकती है स्क्रीनिंग:
- जब किसी अकाउंट के ज्यादातर फॉलोअर्स यूजर की लोकेशन की तुलना में दूसरे देशों के हों.
- बॉट अकाउंट होने की शंका होने पर.
- अकाउंट द्वारा संभावित संदेहास्पद एक्टिविटी किए जाने पर.
इंस्टाग्राम की ओर से कहा गया है कि यूजर्स से उनकी ID नाम, उम्र और फोटो जैसी जानकारियों के लिए मांगी जा सकती है. यूजर्स अपनी आइडेंटिटी साबित करने के लिए सरकारी द्वारा जारी की गई ID या किसी गैर-सरकारी संस्था का ID दे सकते हैं. कंपनी ने कहा कि कुछ मामलों में सेल्फी लेने के लिए कहा जा सकता है.
एक बार अकाउंट होल्डर द्वारा आइडेंटिटी साबित किए जाने के बाद वो अपना अकाउंट पहले की तरह इस्तेमाल कर पाएंगे. हालांकि, कंपनी आगे भी जांच कर सकती है.
इंस्टाग्राम ने कहा है कि ऐप के साथ शेयर किए IDs सुरक्षित तरीके से स्टोर किए जाएंगे और उन्हें 30 दिन के भीतर डेटाबेस से हटा दिया जाएगा. इस दौरान इन IDs को रिव्यू किया जाएगा. रिव्यू प्रक्रिया के दौरान यूजर्स अपना अकाउंट ऐक्सेस खो सकते हैं. कंपनी ने ये भी कहा है कि शेयर की गई ID की डिटेल यूजर के प्रोफाइल में शेयर नहीं की जाएंगी. FAQ सेक्शन में कंपनी ने ये भी जानकारी दी है कि ID प्रूफ नहीं किए जाने की स्थिति में यूजर का अकाउंट बंद किया जा सकता है.