अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूज करते हैं तो पांच तरह के ऐप्स आप अपने स्मार्टफोन से हाट दें. ये ऐप्स बड़े दावे करते हैं, लेकिन असल में आपके स्मार्टफोन को प्रभावित करते हैं.
स्पीड बूस्ट करने का दावा करने वाले ऐप्स दर्जनों हैं. स्मार्टफोन स्लो होते ही आपमे से कई गूगल प्ले स्टोर से ऐसे ऐप डाउनलोड कर लेते हैं जो फोन की मेमोरी या रैम बूस्ट करने का दावा करते हैं, लेकिन असल मायने में ये ऐसा कुछ नहीं करते हैं.
स्पीड बूस्ट का दावा करने वाले ऐप्स बैकग्राउंड में चलते रगते रहते हैं और आपसे कई तरह के परमिशन लेते हैं. एंड्रॉयड में पहले से ऐसे फीचर्स होते हैं जो फोन की मेमोरी को बूस्ट करते हैं. मेमोरी सेविंग का दावा करने वाले थर्ड पार्टी ऐप्स आम तौर पर आपको फोन में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं लाते हैं.
बैटरी सेव करने वाले ऐप्स – गूगल प्ले स्टोर पर बैटरी डॉक्टर, बैटरी सेवर के नाम वाला सैकड़ों ऐप्स मिलेंगे. ये ऐप्स दावा करते हैं कि आपके स्मार्टफोन की बैटरी सेव करेंगे. इसे इंस्टॉल करने के बाद बैटरी बैकअप डबल हो जाएगा. ऐसा कुछ भी नहीं होता है.
बैटरी सेवर ऐप्स मिथ हैं. लिथियम की बैटरी है और ये अपने हिसाब से काम करती है. सभी स्मार्टफोन्स में आज कल पावर सेविंग मोड दिया जाता है आप इसे यूज करके बैटरी सेव कर सकते हैं. इस तरह के ऐप्स को न ही डाउनलोड करें और अगर आपके स्मार्टफोन में हैं तो इन्हें डिलीट कर दें.
ब्लॉटवेयर – कई एंड्रॉयड स्मार्टफोन कंपनियां पहले से ही इंस्टॉल्ड ऐप्स देती हैं. इन्हें आप ब्लॉटवेयर भी कह सकते हैं. ये अनचाहे ऐप्स अगर आपके काम के नहीं हैं तो इन्हें जल्दी हटा दें. अगर ये अनइंस्टॉल नहीं होते हैं तो आप इन्हें डिसेबल कर सकते हैं, ताकि ये आपकी मेमोरी की खपत न करें.
क्लीनिंग ऐप्स – क्लीन मास्टर जैसे क्लीनिंग ऐप्स यूज करना खतरे से खाली नहीं है. क्लीन मास्टर ऐप पर कई इल्जाम भी लग चुके हैं. स्मार्टफोन क्लीन करने के नाम पर ये आपके स्मार्टफोन की मेमोरी और डेटा दोनों की खपत करते हैं और जरूरत करने पर आपका डेटा चोरी भी करते हैं.