WhatsApp दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है. यहां किए जाने वाले चैट्स एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं. लेकिन फिर भी इसे सिक्योर क्यों नहीं माना जा रहा है?
Telegram भी इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है, जिसका यूजरबेस WhatsApp से कम है, लेकिन इसे ज्यादा सिक्योर और प्राइवेट माना जाता है. Telegram CEO Pavel Durav ने ऑफिशियल ब्लॉगपोस्ट में बताया कि WhatsApp यूज करना आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है.
सबसे पहली बात ये है कि टेलीग्राम के सीईओ ने WhatsApp के एंड टू एंड एन्क्रिप्शन को मार्केटिंग का एक तरीका बताया है.
वीडियो की खामी - Telegram के सीईओ के मुताबिक WhatsApp की वीडियो को लेकर खामी सिर्फ iOS में नहीं थी, बल्कि एंड्रॉयड और विंडोज फोन में भी थी. हाल ही में WhatsApp में एक खामी पाई गई थी, जिसके तहत एक वीडियो के जरिए वॉट्सऐप हैकिंग का मामला सामने आया था.
हैकिंग- Amazon CEO Jeff Bezos का फोन हैक करने के लिए WhatsApp मैसेज का सहारा लिया गया. Pavel Durav का कहना है कि जेफ बेजोस अगर वॉट्सऐप के बदले अगर Telegram पर भरोसा करते तो हैकिंग नहीं होती. क्योंकि खामी iOS के दूसरे ऐप्स में नहीं थी.
एंड टू एंड एन्क्रिप्शन- एंड टू एंड एन्क्रिप्शन के बारे में उन्होंने कहा है कि वॉट्सऐप इसे मार्केटिंग के तौर पर यूज करता है जैसे कि ये जादू की छड़ी है और इससे सभी कम्युनिकेशन सिक्योर हो जाएंगे.
टेलीग्राम के सीईओ का मानना है कि एंड टू एंड एन्क्रिप्शन कोई सिल्वर बुलेट नहीं है जो आपको इस बात की गारंटी देता हो कि आप पूरी तरह से सिक्योर हैं.
बैकअप- टेलीग्राम के सीईओ का मानना है कि चैट बैकअप भी एक समस्या है. क्योंकि WhatsApp चैट बैकअप के लिए थर्ड पार्टी बैकअप क्लाउड स्टोरेज पर निर्भर रहता है जो एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होते हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट आई कि ऐपल ने iCloud के एन्क्रिप्शन प्लान को होल्ड कर दिया है.
बैकडोर - टेलीग्राम के सीईओ ने कहा है कि कुछ लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों ने उनसे संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. चूंकि एजेंसियों को एन्क्रिप्शन से समस्या होती है.
इसलिए ये एजेंसियां डेवेलपर्स को अपने ऐप्स में जानबूझ कर ऐसी खामियां प्लांट करती हैं ताकि इससे उनका फायदा हो सके.
उन्होंने ये उदाहरण दिया है कि Telegram ने सरकारी एजेंसियों की बात नहीं मानी तो इस चैट ऐप को रूस और ईरान से बैन कर दिया गया.
टेलीग्राम के सीईओ का कहना है कि पिछले साल वॉट्सऐप में 12 खामियां पाई गई हैं, जिनमें से 7 गंभीर हैं. उनका मानना है कि आम तौर पर बैकडोर्स को ऐक्सिडेंटल सिक्योरिटी खामी बता दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है.
Telegram के सीईओ ने यहां तक कहा कि एन्क्रिप्शन सिस्टम के लागू किए जाने में भी खामियां हैं.
उन्होंने सवाल उठाया है कि कैसे कोई श्योर हो सकता है कि वॉट्सऐप जिस एन्क्रिप्शन सिस्टम का दावा करता है वो उस ऐप में है? उनका सोर्स कोड हिडेन जिससे इसे एनलाइज करना मुश्किल होता है.
उन्होंने टेलीग्राम का उदाहरण देते हुए कहा है कि इस ऐप का एन्क्रिप्शन सिस्टम 2013 से पूरी तरह से दस्तावेज पर है.